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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जिले में रबी की बुवाई के साथ खाद को लेकर खींचतान शुरु हो गई। अब स्थिति यह हो गई कि गांव-गांव में खाद के ट्रक पहुंचते ही किसानों की लंबी कतार लग रही है। भले ही विभाग कृषि विभाग बुवाई का रकबा बढ़ने की बात कह रहा है लेकिन किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा है। सात दिन में करीब सवा लाख यूरिया के बैग आए हैं। अब भी कई क्षेत्रों में खाद को लेकर कतार दिखी है। साथ ही कई उर्वरक विक्रेता नियमों को बायपास करते हुवे भी खाद के बैग भी सप्लाई कर रहे हैं। ऐसे में विभाग ने सख्ती बरती है और उर्वरक विक्रेताओं पर लगाम भी कसी है। इसके बाद भी खाद की पूर्ति नहीं हो पा रही है। विभाग आगे भी
संयुक्त निदेशक कृषि शंकर लाल जाट ने बताया कि जिले में 3 लाख 5 हजार हेक्टेयर के आस-पास रबी की बुवाई हुई है। इस बार गेहूं की बुवाई में बड़े बदलाव हुए हैं। गत वर्ष एक लाख 40 हजार हेक्टेयर के आस-पास गेहूं की बुवाई हुई थी। वहीं इस बार की बात करें तो एक लाख 57 हजार हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। अब भी खेत खाली हुए हैं वहां पर भी बुवाई हो रही है। अब 10 से 12 हजार हेक्टेयर में बुवाई होने की संभावना है। इस बार गेहूं का रकबा 15 से 20 हजार हेक्टेयर बढ़ेगा। संयुक्त निदेशक ने बताया कि इस बार जो बाद की बरसात हुई है उसके कारण पानी अच्छा हुआ और सभी फसलों की बुवाई एक साथ हो गई। इसके कारण फसलों में प्रथम सिंचाई अब हो रही है। इसमें किसान भाइयों को यूरिया की आवश्यकता हो रही है।
दूसरी पिलाई के करीब तक हो गई यूरिया की आपूर्ति
संयुक्त निदेशक शंकरलाल जाट ने बताया कि इस बार 55 हजार मैट्रिक टन खाद का प्लान रबी की फसल को लेकर रहा है। इसके मुकाबले अब तक 43 हजार 500 मैट्रिक टन यूरिया सप्लाई हो चुका है। इसमें से भी 2810 मैट्रिक टन यूरिया का बैलेंस है। इस सप्ताह की बात करें तो 1 लाख पांच बैग यूरिया के आए हैं, जिनका जिले में विभिन्न स्थानों पर वितरण करवाया जा रहा है। एक रैक और लगी हुई है, जिससे भी यूरिया की आपूर्ति हुई है। संयुक्त निदेशक ने बताया कि खाद की जो डिमांड बताई है वह 15 जनवरी तक है, जो गेहूं की द्वितीय पिलाई करेंगे तब तक का है। कई बार ऐसा होता है कि किसान भाइयों को भ्रांति हो जाती है कि खाद नहीं मिलेगा तो वह स्टॉक करने लग जाते हैं। खाद सभी जगह उपलब्ध हो रहा है। इस सप्ताह जो सप्लाई हुई है उससे काफी रिलीफ मिला है। किसानों से आग्रह है कि अनावश्यक स्टॉक नहीं करें।
कई दुकानों पर की है कार्यवाही
संयुक्त निदेशक ने बताया कि विभाग की और से लगातार नियम विरुद्ध खाद की आपूर्ति करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इस सप्ताह में दो से तीन लाइसेंस निरस्त भी किए हैं। आज भी जांच की गई है और जो रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। उर्वरक विक्रेता से आग्रह है कि वह किसान भाइयों का सहयोग करें। खाद की काला बाजार नहीं करें। कहीं पर भी शिकायत होगी तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। उर्वरक विक्रेता काला बाजारी नहीं करें, तय मूल्य से अधिक पर बिक्री नहीं करें। बिना विभाग की सूचना के भी वितरण करने पर कार्य की जाएगी।
कहीं बिना सूचना वितरण, तो कहीं शुरुआत होते ही यूरिया खत्म
इधर, जानकारी में सामने आया कि चित्तौड़गढ़ जिले में खाद वितरण को लेकर कई नियमितताएं सामने आ रही है। इसकी शिकायत जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग को भी पहुंच रही है। इनके आधार पर कार्यवाही भी की जा रही है। कहीं बिना भी विभागीय अधिकारियों के खाद वितरण की बात सामने आ रही है तो कहीं रात को ही खाद के ट्रक गायब होने की भी शिकायत मिली थी। इस पर भी विभाग ने कार्रवाई की है। अधिकांश स्थानों पर तय मूल्य से अधिक राशि लेने की शिकायत हैं।