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सीधा सवाल। छोटीसादड़ी। बड़ीसादड़ी से नीमच रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण में मुआवजा दर कम निर्धारित किए जाने से नाराज किसानों ने मंगलवार को एसडीएम यतीन्द्र पोरवाल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। किसानों ने आरोप लगाया कि मुआवजा निर्धारण प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई और बिना उचित समीक्षा के अवार्ड जारी कर दिया गया। ज्ञापन में बताया गया कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के तहत मुआवजा अवार्ड 28 फरवरी 2024 को जारी किया गया, लेकिन इसे समय पर हितधारकों तक नहीं पहुंचाया गया। इसके बाद विधानसभा चुनावों की घोषणा के कारण आदर्श आचार संहिता लागू हो गई, जिससे किसान अपनी बात प्रभावी ढंग से नहीं रख सके। किसानों ने यह भी कहा कि उनकी अपीलें संभागीय आयुक्त बांसवाड़ा के पास भेजी गई थीं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद पत्रावली चित्तौड़गढ़ और फिर जयपुर स्थानांतरित कर दी गई। किसानों ने मांग की है कि मामले की सुनवाई स्थानीय स्तर पर की जाए और जिला कलेक्टर प्रतापगढ़ के माध्यम से संशोधित मुआवजा अवार्ड जारी किया जाए। किसानों ने कहा कि वर्ष 2014 में राष्ट्रीय राजमार्ग 113 के लिए 1 लाख रुपये प्रति आरी का मुआवजा दिया गया था, उसी दर के आधार पर नई दरें तय की जानी चाहिए। यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो किसान आंदोलन करने को मजबूर होंगे। इधर, किसनों का उचित मुआवजा राशि दिलवाने की मांग को लेकर पांचवे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रहा।
धरने में बरवाड़ा गुर्जर, अचलपुरा, सेमरड़ा, छोटीसादड़ी, बरेखन, मलावदा के किसान शामिल है।
छोटीसादड़ी रेलवे स्टेशन के स्थान और डिजाइन में बदलाव की मांग
नीमच से बड़ीसादड़ी तक नवनिर्मित रेल लाइन पर प्रस्तावित छोटीसादड़ी रेलवे स्टेशन के स्थान और डिजाइन में बदलाव की मांग को लेकर भी ज्ञापन सौंपा। वर्तमान योजना के अनुसार, स्टेशन सेमरडा गांव की ओर रेल लाइन के दाईं तरफ उत्तर दिशा में बनाया जा रहा है। इससे नगर के 25 हजार निवासियों को आवागमन में कठिनाई होगी। लोगों ने मांग की है कि स्टेशन का मुख्य द्वार नगर की ओर दक्षिण दिशा में बनाया जाए, ताकि नगर का सीधा संपर्क स्टेशन से हो सके। इससे तीन प्रमुख मार्ग स्टेशन से जुड़ जाएंगे, जिससे आवाजाही सुगम होगी। वर्तमान योजना में स्टेशन नगर से दूर होने के कारण लोगों को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ेगा। ज्ञापन में रेलवे विभाग से स्टेशन की ड्राइंग में संशोधन कर इसे छोटीसादड़ी नगर की ओर स्थानांतरित किया जाने की मांग की है। इस दौरान बड़ी संख्या में किसान व अन्य लोग मौजूद रहे।