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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। अग्रवंश संस्थापक महाराज अग्रसेन के 5149वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में अग्रवाल समाज द्वारा विविध धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों का सात दिवसीय भव्य आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रमों का शुभारंभ 14 सितम्बर को गांधीनगर स्थित अग्रेसन मांगलिक भवन में गणपति स्थापना के साथ होगा और समापन 22 सितम्बर को शोभायात्रा, सम्मान समारोह एवं सामूहिक स्नेह भोज के साथ किया जाएगा।
श्री अग्रेसन जन्मोत्सव समिति के संयोजक राकेश गुप्ता एवं पवन अग्रवाल ने बताया कि गणपति स्थापना के अवसर पर महिला मंडल के तत्वावधान में खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। इनमें बच्चों के लिए कक्षा एक से कॉलेज स्तर तक अलग-अलग आयु वर्ग में स्पर्धाएं रखी गई हैं। महिला वर्ग के लिए मिट्टी से गणेश प्रतिमा बनाने एवं सजाने की प्रतियोगिता मुख्य आकर्षण रहेगी, वहीं पुरुष एवं कपल वर्ग के लिए विशेष प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। इन आयोजनों का उद्देश्य पारिवारिक एवं सामाजिक एकता के साथ परंपराओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाना है।
रक्तदान और निःशुल्क दंत चिकित्सा शिविर
जन्मोत्सव के तहत 20 सितम्बर को अग्रेसन भवन, अग्रेसन नगर में विशाल रक्तदान शिविर और निःशुल्क दंत चिकित्सा शिविर आयोजित होगा। समिति पदाधिकारियों ने बताया कि रक्तदान शिविर से समाज में सेवा और सहयोग की भावना का संचार होगा, वहीं निःशुल्क दंत चिकित्सा शिविर से आमजन को सीधा लाभ मिलेगा।
गौ सेवा और सांस्कृतिक संध्या
21 सितम्बर को गांधीनगर स्थित गौशाला में गौ पूजन एवं सेवा कार्यक्रम होगा। शाम को अग्रेसन भवन, अग्रेसन नगर में महिला मंडल के तत्वावधान में भव्य सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा। रंगारंग कार्यक्रमों में एकल नृत्य, युगल नृत्य और संगीत की प्रस्तुतियां होंगी। इसी दौरान नवगठित महिला समिति एवं अग्रवाल युवा समिति का शपथ ग्रहण समारोह भी सम्पन्न होगा।
शोभायात्रा और सम्मान समारोह
जन्मोत्सव का समापन 22 सितम्बर को भव्य शोभायात्रा और सम्मान समारोह के साथ होगा। प्रातः हवन, पूजन एवं ध्वजारोहण कार्यक्रम सम्पन्न होंगे। दोपहर 2ः30 बजे उपरला पाड़ा गांधी चौक स्थित अग्रवाल पंचायत भवन से शोभायात्रा प्रारंभ होगी, जो द्वारिकाधाम पर समाप्त होगी। अंतिम दिन सामूहिक स्नेह भोज, विभिन्न प्रतियोगिताओं का पारितोषिक वितरण, समाज के विशिष्टजनों का सम्मान एवं अग्रवाल समिति की नई कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण कार्यक्रम सम्पन्न होगा।
जन्मोत्सव समिति ने बताया कि इस सात दिवसीय आयोजन का उद्देश्य केवल धार्मिक अनुष्ठान तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक सेवा, स्वास्थ्य जागरूकता, सांस्कृतिक संरक्षण और समाज की एकजुटता को भी सशक्त करना है। कार्यक्रमों में हर आयु वर्ग की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे युवा पीढ़ी में सेवा, संस्कार और समाजसेवा के मूल्य विकसित हों।