9198
views
views
कोविड-19 के खिलाफ लडाई में दुनिया के नेताओं में सबसे शीर्ष पर पीएम मोदी
(विवेक वैष्णव, अधिस्वीकृत पत्रकार)
कोरोना की महामारी तकरीबन तीसरे विश्व युद्ध की ही तरह है और इस जंग से निपटने में दुनिया के सारे मुल्क एकजूट होकर अपने अपने तरीके से जुटे हुए है। विश्व में विचार धाराओ, संस्कृतियों और राजनैतिक विचारधारा का टकराव सदियों से चला आ रहा है लेकिन कोविड-19 के चलते संपूर्ण विश्व में एक अभूतपूर्व भाईचारे की झलक दिखाई देने लगी है। एक देश दूसरे देश की सहायता करने में तत्पर नजर आ रहा है। इस जंग में चीन वैष्विक लीडर बनने की कोशिश में है जबकि दुनिया का दरोगा अमेरीका अपनी हैसियत गंवाते हुए दिख रहा है। वर्तमान परिस्थितियों में कोरोना बीमारी समूची दुनिया के सामने केवल स्वास्थ्य ही नही बल्कि आर्थिक चुनौतियां भी लेकर आई है। इतिहास में ऐसा पहला मौका है जबकि दुनियाभर के देशों की प्रशासनिक एवं राजनीतिक व्यवस्थाओं की काबिलियत की जांच हो रही है। कोरोना के खिलाफ इस जंग में लीडरशीप ही सब कुछ है।
विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के खिलाफ में भारत तथा राजस्थान सरकार की नेतृत्व क्षमता का आज समग्र विश्व लोहा मान रहा है। अमेरीका, इटली, स्पेन, चीन, जर्मनी, फ्रांस जैसे विकसित देशों जैसी मेडिकल सुविधायें नही के बावजूद भारत सरकार ने कोरोना के खिलाफ विष्वव्यापी लडाई में अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है और इसी के चलते आज विकसित देश भारतीय नीतियों का अवलोकन एवं अनुकरण कर रहे है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोविड-19 के खिलाफ लडाई में दुनिया के नेताओं में सबसे शीर्ष पर है। भारत सरकार द्वारा समय रहते उठाये गये कदम एवं युद्ध स्तर पर की गई तैयारियों ने आज हमें कोरोना मुकाबले में अमेरीका और ब्रिटेन जैसी महाशक्तियों से भी आगे खड़ा कर दिया है। कोरोना वर्ल्ड वार में सबसे आगे पत्रकार रहे है जिन्होने अपनी परवाह किये बिना पल पल की खबरों से प्रशासन एवं सरकार को अपडेट किया है। लेकिन इस महामारी में देश और दुनिया को जगाने वाले वीर जाबांज पत्रकारों की जान माल की रक्षा के लिए जमीनी तौर पर कोई कदम अभी तक नही उठाये गये है और पत्रकार बंधु दिया तले अंधेरा महसूस कर रहे है।
राजस्थान में अशोक गहलोत की संवेदनशील सरकार ने देश में सबसे पहले 22 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा कर अनुकरणीय पहल की थी और इस घोषणा के बाद देश के अन्य राज्यों की सरकारों ने भी लॉकडाउन की घोषणा की। इसी तरह राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने सबसे पहले चीन से आयातीत ‘‘रेपीड टेस्टिंग कीट के परिणाम पर सवालिया निशान लगाकर चीन की कारगुजारी को उजागर करने की पहल की। कुशल नेतृत्व एवं संवेदनशीलता की इसी श्रृंखला में भीलवाड़ा कलक्टर राजेन्द्र भट्ट ने भी अपना योगदान दिया तथा जिस योजना के तहत भीलवाड़ा में कोरोना को नियंत्रण करने के प्रयास किये गये आज संपूर्ण विष्व उस योजना को एक मॉडल के रूप में देख रहा है तथा भीलवाड़ा मॉडल का अनुसरण कर रहा है।
एक बात तय है कि इस संकट में हम लोग परिवार की निकटता एवं पारस्परिक प्रेम का मूल्य समझ चुके होंगे। हो सकता है कि इस संकट से उबरने के बाद हमारे काम करने का ढंग ही बदल चुका होगा। हो सकता है कि वैष्विक संबंध यहां तक बदले की विश्व ग्राम की संज्ञा साकार हो जाएं। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि कोविड-19 को परास्त करने के बाद भारत विश्व गुरू कहलायेगा।