views
सिरोही।राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शिक्षा मंत्री गोविन्दसिंह डोटासरा, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता एवं जिला कलेक्टर सिरोही भगवती प्रसाद को ज्ञापन भेजकर कोरोना महामारी के मध्यनजर लॉक डाउन पीरियड में 20 अप्रेल 2020 से मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी आबुरोड एवं मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी समग्र शिक्षा अभियान सिरोही द्वारा कार्यालय खोलकर लॉक डाउन का उल्लंघन कर उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर करने के दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही करने की मांग की हैं।
संघ (प्रगतिशील) के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत ने ज्ञापन में बताया कि 20 अप्रेल 2020 से पूर्व लॉक डाउन के मध्यनजर राज्य सरकार द्वारा आंशिक संशोधन कर शिक्षा विभाग के सीबीईओ, डीईओ, सीडीईओ, संयुक्त निदेशक एवं निदेशक कार्यालय को खोलकर एक तिहाई यानी 33 प्रतिशत कार्मिकों को रोटेशन के आधार पर कार्यालय बुलाने के निर्देश दिये थे। लेकिन तत्काल मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार आवश्यक सेवाआें के अतिरिक्त अन्य सरकारी कार्यालयों में 20 अप्रेल 2020 से 33 प्रतिशत कार्मिकों को रोटेशन के आधार पर बुलाने के निर्णय को स्थगित कर देने के पश्चात् प्रमुख शासन सचिव कार्मिक विभाग खण्ड-3 जयपुर ने मॉडिफाईड लॉक डाउन के संबन्ध में दिनांक 20 अप्रेल 2020 को आदेश जारी कर केवल शासन सचिवालय में उपशासन सचिव एवं उच्च स्तर पदों पर कार्यरत अधिकारी मय निजी स्टाफ कार्यालय मे उपस्थित होंगे। अधिकारी एवं कार्मिक मुख्यालय पर रहकर जिला कलेक्टर के निर्देशन में प्रशासनिक आदेशों की अक्षरशः पालना वर्क एट दी होम या क्वारंटाईन निरीक्षण या ड्युटी निरीक्षण करने तक तो उचित हैं लेकिन बडे दुर्भाग्य की बात है कि सिरोही जिले के सीडीईओ एवं सीबीईओ आबुरोड कार्यालय खोलकर केवल उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर कर इतिश्री करना एवं अन्य स्टाफ को भी कार्यालय बुलाकर हस्ताक्षर करवाना किसी भी स्थिति में लॉक डाउन के नियमो के अनुकुल नहीं हैं। राज्य सरकार द्वारा जारी मॉडिफाईड लॉक डाउन के संदर्भ में जारी एडवाईजरी का उल्लंघन या अवहेलना घोर अनुशासनहीनता हैं जो भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 एवं आपदा प्रबन्धन अधिनियम के प्रतिकूल होने से दण्डनीय अपराध हैं।
वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष गहलोत ने कोरोना महामारी में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से कोरोना संक्रमण से मुक्त जिले में कोरोना संक्रमण का खतरा उत्पन्न होने की पूर्ण सम्भावना हैं। लापरवाही करने वाले दोषी अधिकारी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कर निदेशालय स्तर से लॉक डाउन की कठोरता से पालना सुनिश्चित करने के आदेश समस्त शिक्षा अधिकारियों को प्रसारित करवाने की मांग की है।