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निम्बाहेड़ा। नगर में कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा चिकित्सा सुविधाओं को सुदृ़ढ़ करते हुए कोरोना संक्रमण के बचाव, रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु डॉ. देवेन्द्र शर्मा, संयुक्त निदेशक (आरपीजी/सीएमआईएस) मुख्यालय को चित्तौड़गढ़ जिले का प्रभारी अधिकारी बनाया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, चित्तौड़गढ़ डॉ. शर्मा को आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे और उनके निर्देशन में कार्य करेंगे।
जिला कलक्टर चेतन देवड़ा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सेम्पलिंग बढ़ाने के लिए 3 नए दलों के गठन हेतु नए चिकित्सक निम्बाहेड़ा भेजे गए हैं। इनमें डॉ. पीयूष सिंघवी, चिकित्सा अधिकारी (ई.एन.टी.), जिला चिकित्सालय डूंगरपुर, डॉ. सुनील सोलंकी, कनिष्ठ विशेषज्ञ (ई.एन.टी.), जिला चिकित्सालय राजसमन्द एवं डॉ. सरीन कुमार चिकित्सा अधिकारी (पैथोलॉजी), सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आमेट (जिला राजसमन्द) है। इनके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा डॉ. गोरुराम भूकल, प्रमुख विशेषेज्ञ (मेडिसिन) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भीण्डर (जिला उदयपुर) को उप जिला चिकित्सालय, निम्बाहेड़ा तथा डॉ. विशाल तंबर, वरिष्ठ विशेषज्ञ (मेडिसिन) मोबाईल कैम्प, उदयपुर को जिला चिकित्सालय, चित्तौड़गढ़ में लगाया गया है।
निम्बाहेड़ा में स्थापित किए गए कोविड केअर सेन्टर एवं क्वारेन्टाईन सेन्टर पर व्यवस्था हेतु आर.एन.टी. मेडिकल कॉलेज के डॉ. बलवन्त मीणा, सहायक प्रोफेसर मेडिसिन एवं डॉ. अकुंश गर्ग, सहायक प्रोफेसर एनेथिसिया को लगाया गया है। साथ ही पॉजेटिव कैसेज की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग करने के लिए आर.एन.टी. मेडिकल कॉलेज, उदयपुर से एक अतिरिक्त आर.आर.टी. दल लगाया गया है, जिसमें पांच सदस्य क्रमशः एक पीएचएम, एक मेडिसिन तथा एक शिशु रोग विशेषज्ञ, एक लेब टेक्नीशियन एवं एक नर्सिंग स्टॉफ भी होगा। जिला कलक्टर चित्तौड़गढ़ के अनुसार उक्त व्यवस्थाओं से सेम्पलिंग की गति बढ़ाकर आगामी दो दिवस में संक्रमण की वास्तविक स्थिति का पता लगा लिया जाएगा और बहुत जल्द निम्बाहेड़ा में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण कर लिया जाएगा।