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जयपुर। राजस्थान में टिड्डी नियंत्रण पर सियासत तेज हो गई है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखने के
बाद केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने गहलोत
सरकार पर मौखिक हमला बोला है। उन्होंने केंद्र सरकार की उपलब्धियों और
सक्रियता का जिक्र करते हुए राज्य सरकार की निष्क्रियता और विफलताओं पर
जमकर तंज कसे।
केंद्रीय
मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने टिड्डी दल पर कीटनाशक
स्प्रे करने के लिए राज्य सरकार को 800 ट्रैक्टर किराए पर लेने का निर्देश
दिया है तथा इसके लिए उसे डीजल और किराए के लिए एनडीआरएफ से पर्याप्त
धनराशि भी आवंटित कर दी है। इसके साथ ही हमने ट्रैक्टरों की सहायता के लिए
55 गाड़ियों की भी अतिरिक्त व्यवस्था की है। ऊंचे स्थानों पर बैठी टिड्डी को
हवाई स्प्रे से नष्ट करने के लिए इंग्लैंड से हवाई स्प्रे मशीनो का आयात
समझौता किया, जोकि वैश्विक लॉकडॉउन के कारण रुक गया। भुगतान सहित इसकी शेष
प्रकिया सम्पन्न हो चुकी है। लॉकडॉउन में कुछ छूट मिलते ही ये हेलीकॉप्टर
शीघ्र ही भारत पहुंचेंगे। परन्तु तब तक टिड्डी दल को नष्ट करने के लिए कृषि
मंत्रालय ने डीजीसीए से ड्रोनों की भी परमिशन ले ली है। चौधरी
ने शनिवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
को राजस्थान का कृषि कीट अधिनियम पढ़ने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि
राजस्थान की जनता इस समय कोरोना महामारी के साथ ही टिड्डी समस्या के रूप
में दोहरी मार झेल रही है। परंतु राज्य की कांग्रेस सरकार धरातल पर कोई काम
किए बिना केवल प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर और केंद्र सरकार पर आरोप लगाकर
निर्लज्जता के साथ अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रही है।
उन्होंने
भविष्य में टिड्डी दल के आगमन के प्रति जागरूकता को लेकर नियमित तौर पर
एएफओ संगठन के सदस्य देशों की बैठक के साथ टिड्डी नियंत्रण की रणनीति को
लेकर समन्वय भी बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आज केंद्र सरकार ने
टिड्डी नियंत्रण के लिए राज्य सरकार को 14 करोड़ रुपये और टिड्डी दल के हमले
से किसानों की नष्ट हुई फसलों की मुआवजा राशि 68 करोड़ रुपये का भुगतान कर
दिया है। उन्होंने कहा कि भारत में 2 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र
रेगिस्तान के अंतर्गत आता है। टिड्डी चेतावनी संगठन और भारत सरकार के 10
टिड्डी सर्किल कार्यालय में से राजस्थान के जैसलमेर, बीकानेर, फलौदी,
बाड़मेर, जालौर, चूरू, नागौर और सूरतगढ़ में तथा गुजरात के पालनपुर और भुज
में स्थित हैं। रेगिस्तानी क्षेत्र में टिड्डी दल के हमला होने पर उसकी
निगरानी, सर्वेक्षण और नियंत्रण के लिए जिम्मेदार हैं।
राजस्थान
और पंजाब के सीमावर्ती जिलों में 30 अप्रैल से गुलाबी वयस्क हॉपरो (टिड्डी
के नवजात शिशुओं) के हमले की सूचना दी गई थी, जिन्हें नियंत्रित किया गया
है और नए झुंडों के खिलाफ नियंत्रण अभियान चल रहा है। उन्होंने कहा कि इसका
एक कारण पाकिस्तान में पिछले सीज़न के अनियंत्रित अंडे थे जो लगातार
प्रजनन करते हैं। गुलाबी अपरिपक्व वयस्कों के झुंड ऊंची उड़ान भरते हैं और
पाकिस्तान से आने वाली तेज हवाओं के साथ लंबी दूरी तय करते हैं। इनमें से
अधिकांश गुलाबी अपरिपक्व वयस्क रात के समय में पेड़ों पर रहते हैं और
ज्यादातर दिन के समय में उड़ते हैं।