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छोटीसादड़ी
छोटीसादड़ी। क्षेत्र में हो रही मानसून पूर्व बारिश के चलते किसानों ने भी तैयारियां शुरू करदी है। जंहा वर्तमान में वैज्ञानिक उपकरणों द्वारा मशीनों से कृषि में परिवर्तन आया है वही आज भी कई गांवों में अपने पारम्परिक स्त्रोतों के माध्यम से ही कृषि कार्य किया जारहा है।ट्रेक्टरों के साथ किसानों ने अपनी अगली फसल की तैयारी के लिए खेत की जुताई भी शुरू कर दी है। वही क्षेत्र के पीलीखेड़ा ग्राम पंचायत के रामाखेड़ा गांव में एक खेत पर जुताई के लिए पारम्परिक तरीके से बेलों के द्वारा खेत की जुताई कर खरीफ की फसल की बुआई की तैयारी में किसान जुटा हुआ है।किसान ने बताया कि पारम्परिक कृषि के माध्यम से ही हम गोवंश को बूचड़ खाने जाने से रोक सकते है।यदि किसान इनका उपयोग पुनः शुरू करदे या वैज्ञानिक साधनों का प्रयोग बेलो के माध्यम से करने लग जाए तो हम वास्तविकता में इनकी सुरक्षा और पालन पोषण कर सकते है।ये वास्तविक किसानों के सारथी रहे है।आधुनिकता ने इनके विनाश को बढ़ावा दिया है।