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छोटीसादड़ी। सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों को मात दे रहे है। बीते कुछ वर्षों से राजकीय स्कूलों का परिणाम लगातार बेहतर होते जा रहा है। यही कारण है कि सरकारी स्कूल के बधाों ने प्रदेश के मेरिट सूची में स्थान पाकर निजी स्कूलों की पढ़ाई पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है। कौन कहता है कि सरकारी विद्यालय में पढ़ाई नहीं होती। विद्यार्थी का जज्बा और अध्यापक का हौसला अगर मजबूत है,तो बुलंदिया चरणों मे होती है।राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के बारहवीं कला के नतीजे में बेटियों का नतीजा शानदार रहा है। उपखण्ड क्षेत्र के बम्बोरी स्कूल की बेटियों ने बाजी मार कर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। वर्ष 2014 से 2020 तक विद्यालय में बालिका बाजी मारती आ रही हैं। मंगलवार को घोषित हुए परिणाम में बम्बोरी स्कूल की वैशाली पंवार पुत्री राजेंद्र सिंह ने 95.2 प्रतिशत,प्रियंका पुत्री परसराम धाकड़ ने 93.8 प्रतिशत,सपना पुत्री पूरण मल धाकड़ ने 92 प्रतिशत व रविना पुत्री गोपाल धाकड़ ने 92 प्रतिशत अंक हासिल कर विद्यालय व गांव का नाम रोशन किया है। केसुंदा विद्यालय के देवेन्द्र आंजना ने 92.2 प्रतिशत प्राप्त किए। हरीश आंजना राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की
प्रधानाचार्या मनोज जैन ने बताया कि विद्यालय का 98.79 प्रतिशत परीक्षा परिणाम रहा। विद्यालय की छात्रा कुसुम मोहिल ने 87.80 प्रतिशत,विधि पारीक ने 86 प्रतिशत व चैताली नागोरी ने 84.60 प्रतिशत अंक अर्जित किए है। रम्भावली राजकीय विद्यालय के शिक्षक अशोक भाटी ने बताया कि विद्यालय का शत प्रतिशत परिणाम रहा है। विद्यालय की छात्रा निकिता जैन ने 90.20 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। स्वरूपगंज विद्यालय की छात्रा संजना शर्मा ने 83.6 प्रतिशत हासिल किए हैं। वही, सेमरथली विद्यालय, स्वरूपगंज, केसुन्दा, रम्भावली सहित कई विद्यालयों का परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहा। वही, चक सुकड में स्थित चिल्ड्रन गार्डन विद्यालय का परीक्षा परिणाम भी शत प्रतिशत रहा। इस संदर्भ में शिक्षा विशेषज्ञों के अनुसार निजी स्कूलों में कुछ कक्षाओं के लिए प्रशिक्षित व कुशल शिक्षकों का अभाव है, जो पहले सरकारी स्कूलों के लिए कहा जाता था। लेकिन बीते कुछ वर्षों से यह मिथक टूट चुका है। राजकीय स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाएं बेहतर परिणामों के लिए लगातार प्रयोगात्मक पढ़ाई पर बल दे रहे हैं। वहीं स्कूल कैंपस के वातावरण को निजी अथवा प्राइवेट स्कूलों से बेहतर कर पढ़ाई के अनुरूप किया जाना इस सफलता के पीछे का एक बड़ा कारण है।