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छोटीसादड़ी। अनंत चतुर्दशी का त्यौहार हर्ष उल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर लोगों ने परंपरा का निर्वाह तो किया। लेकिन समय के साथ उसमें बदलाव करते हुए गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन करने घर घर में ही अधिकतर लोगों ने किया। किसी ने घर में ही कुंड बनाकर, किसी ने गमले में तो किसी ने बड़े जलपात्र में रखकर कई जलाशयों पर गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन श्रद्धा आस्था के साथ किया। शहर के अधिकांश घरों में इस वर्ष गणेशोत्सव पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कर गणेश पूजा हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। घरों में भव्य सजावट कर गणपति की वंदना आराधना की जा रही थी। परिजन सुबह- शाम आरती के साथ ही गणेश जी से अपने घर परिवार की सुख-समृद्घि की कामना कर रहे थे। कोरोना काल में सार्वजनिक गणेशोत्सव आयोजन पर ग्रहण लग गया था। ऐसे में इस साल लोग अपने-अपने घर में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित किए, बच्चों के साथ ही बड़े भी इससे खासे उत्साहित रहे। घर में उत्सव सा माहौल बना हुआ रहा। सुबह सबके दिन की शुरुआत भगवान गणेश की आरती व पूजन से हो रही थी फिर वे अपने दूसरे कामकाज में जुट रहे। इसी तरह की स्थिति शाम को होती रही। मंगलवार को गणेश पूजा अंतिम चरण पर पहुंच कर अनंत चतुर्दशी पर गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन सादगी के साथ प्रशासन के जारी किए गए गाइडलाइन के अनुसार बिना किसी गाजे-बाजे के किये गए।
मिट्टी की मूर्तियों का गमले में हुआ विसर्जन
इस बार नगर में बच्चों ने मिट्टी से छोटे छोटे गणेश प्रतिमाएं बनाकर ईको फ्रेंडली गणेश स्थापना के साथ ही उसका विसर्जन भी श्रद्धापूर्वक किया। बच्चो ने गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन गमले में किया और उस मिटटी में एक बीज भी डाला जो आगे एक पौधा बना जाएगा। इस तरह बच्चो ने पर्यावरण को बचाने स्वयं आगे आए।