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छोटीसादड़ी। कोरोना महामारी के बीच लंबे समय से घरों में कैद बच्चों के लिए चलाए जा रहे 'डिजिटल बाल मेला में बच्चों का विशेष रुझान सामने आया है। बच्चे अपनी प्रतिभा का मंचन बाल मेले के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किया। बाल मेले में छोटीसादड़ी के महात्मा गांधी विद्यालय की छात्रा अनादि अग्रवाल ने राष्ट्रीय स्तर की डीबेट प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया। जानकारी अनुसार कक्षा आठ में पढ़ने वाली 12 साल की अनादि ने बहुत ही मार्मिक तरीके से बताया कि कोरोना काल मे एक तो पिता की नौकरी चली गयी उपर से ऑनलाइन क्लास ने और उनकी मुश्किल बढ़ा दी। अनादि ने वीडियो के कहा कि ऑनलाइन क्लास के पक्ष में वह नहीं है। क्योंकि हमारे देश में आज भी ऐसे कई गांव है। जहां पर इंटरनेट कनेक्शन बिल्कुल ही नहीं है या है, तो रुक-रुक कर चलता है। ऐसे में गांव के बच्चे ऑनलाइन क्लास से जुड़ नहीं पाते हैं। और कोरोना में बहुत सारे परिजनों के काम तक छूट गए हैं,तो वह अपने बच्चों की फीस भी जमा नहीं कर पाते हैं। उन बच्चों को ऑनलाइन क्लासे को उपलब्ध नहीं हो पा रही है। फिर भी कुछ परिजन बच्चों को हिम्मत करके स्मार्टफोन दिलाते हैं। लेकिन दो या तीन बच्चों के होने की स्थिति में ऑनलाइन क्लासेज बच्चों को उपलब्ध नहीं हो पाती है। अनादि बताती है कि ऑनलाइन क्लासेज बच्चों के लिए अच्छा प्लेटफार्म नहीं है। शनिवार को चित्तौड़गढ़-प्रतापगढ़ सांसद सीपी जोशी द्वारा बड़ीसादड़ी में डिजिटल बाल मेला ऑनलाइन राष्ट्रीय स्तर की डीबेट प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किए जाने पर प्रमाण पत्र और प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित किया। वही, छात्रा को महात्मा गांधी विद्यालय के प्रधानाचार्य सोहन लाल जाटव ने सम्मानित कर अनादि अग्रवाल के प्रयासों को स्कूल के सभी बच्चों के सामने सराहा।