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- पूर्व यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी से विशेष बातचीत
नज़र-नज़र में उतरना कमाल होता है,
नफ़स-नफ़स में बिखरना कमाल होता है, बुलंदियों पे पहुँचना कोई कमाल नहीं, बुलंदियों पे ठहरना कमाल होता है...
जिले की भाजपा का पर्याय बने पूर्व यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी के लिए यह पंक्तियां बिल्कुल सही है। छात्र राजनीति के जरिए अपना राजनीतिक सफर शुरू कर कृपलानी और भाजपा आज एक सिक्के के दो पहलू बन गए हैं। दो दशकों से जिले की भाजपा को नेतृत्व देकर प्रदेश और केंद्रीय स्तर पर मेवाड़ के निंबाहेड़ा को राजनीतिक मानचित्र स्थान दिलाने वाले कृपलानी एक मुखर राजनेता और जनप्रिय जन सेवक के रूप में आज जनमानस के मानस पटल पर छवि बनाए हुए हैं। जिले में चाहे वह रक्षा मंत्री रहे जसवंत सिंह का कार्यकाल हो या फिर प्रदेश में मुख्यमंत्री रहे भैरोंसिंह शेखावत का कार्यकाल हो, हर कार्यकाल में जनता की समस्याओं को प्रमुखता के साथ उठा कर समाधान तक पहुंचाने की निर्णायक भूमिका में रहे कृपलानी ने कुशल राजनीतिज्ञ होने का परिचय दिया है। साल 1977 में छात्रसंघ अध्यक्ष बने कृपलानी ने सांसद और प्रदेश की कैबिनेट में मंत्री पद तक का सफर तय किया है। इस लंबी राजनीतिक यात्रा में बेदाग छवि के साथ लगातार जनता से संपर्क बनाए रखने की खूबी श्रीचंद कृपलानी के साथ बनी रही है। राजनीतिक कैरियर की बात की जाए तो इन्होंने चुनाव हार जाने के बाद दूसरे नेताओं की तरह जनता से दूरी बनाने की बजाए हार को सहज मन से स्वीकार कर जनता में उनकी समस्याओं के साथ खड़े रहने की भावना ने उन्हें भाजपा का बड़े नेता के रूप में प्रतिष्ठित किया है। यह कृपलानी की राजनीतिक काबिलियत ही कही जाएगी कि केंद्रीय नेतृत्व ने भी इनकी राजनीतिक प्रतिभा को पहचान कर भाजपा के प्रदेश महामंत्री पद की लगातार दो बार बागडोर सौंपी। जिले की मूलभूत समस्याओं को लेकर कृपलानी जितने गंभीर रहे हैं उसका परिणाम है कि संचार सेवा, विद्युत सेवा में आज चित्तौड़गढ़ जिला अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। शिक्षा और उद्योगों के क्षेत्र में कृपलानी का विशेष योगदान है। करीब दो दशकों से राजनिती के इतिहास पर नजर डाले, तो श्रीचन्द कृपलानी जिला भाजपा के लिए अपरिहार्य बनते दिखते है। यह महज एक संयोग ही हो सकता है कि उनका शारिरीक कद जितना लम्बा हैं, जिले ही नही प्रदेश की राजनिति में उनका कद उतना ही बड़ा हैं। एक लम्बा सा व्यक्ति दूर से सुपर स्टार अमिताभ बच्चन के प्रतिस्वरूप से नजर आने वाले इस चेहरे को भाजपा का अमिताभ भी कहा जाता है। जनसंघ और जनता पार्टी के भूले बिसरे अतित को अगर छोड़ दे तो यहां की राजनिति में भाजपा और कृपलानी का प्रार्दुभाव एक ही साथ हुआ है। जैसे-जैसे भाजपा बढती गई, वैसे-वैसे श्रीचन्द कृपलानी का वर्चस्व भी बढता गया। वर्ष 1977 में चित्तौड़गढ़ महाविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष बन कर राजनिति की सुर्खियों में आए कृपलानी ने उसके बाद पिछे मुड कर ही नहीं देखा। पूर्व यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी का आज 63वां जन्मदिन है। इस जन्मदिन पर स्थानीय केबल नेटवर्क और सीधा सवाल ने इनसे विशेष बातचीत की। इस दौरान उन्होंने राजनीति के साथ ही सेवा कार्यों पर चर्चा करते हुवे कहा कि वे राजनीति में सेवा करने के लिए आये हैं।
मानव सेवा को लेकर छोटे से कार्यकर्ता से बढ़ा आगे
कृपलानी ने कहा कि मैं 1977 से एबीवीपी का कार्य कर्ता रहा हूं। उसके बाद देश में इमरजेंसी लगी जिसमें भी पार्टी का जो निर्देश था उसके अनुसार मैंने काम किया। बाद में मुझे छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव मुझे लड़ाया गया। उसके बाद भाजपा का जो हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व था जिन्हें हम केंद्र मानते हैं दीनदयाल उपाध्याय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, हमारे राष्ट्रीय नेता पूर्व पीएम अटल व आडवाणी की प्रेरणा और उनके जीवन को मैं देखता था तो मुझे भी लगता था कि मानव सेवा को काम में लेकर जीवन में छोटे से कार्यकर्ताओं को भी उसमें आगे बढ़ने का काम करने का प्रयास करना चाहिए। पूर्व सीएम भैरोंसिंह जिस समय राजस्थान की राजनीति में सक्रिय थे उनके संपर्क में आया तो मुझे गुरु मिला और पिता के रूप में उन्होंने मुझे बेटे का प्यार भी दिया। जो कुछ देन है वह भैरोंसिंह शेखावत की है। वे निंबाहेड़ा के विधायक भी रहे, राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री भी बने और उन्होंने जो मुझे मार्गदर्शन दिया उस रास्ते पर चल कर हमने निंबाहेड़ा विधानसभा का कार्य किया।सांसद रहा और जिला प्रमुख भी रहा, मंत्री भी रहा तो वसुंधरा राजे के नेतृत्व में सरकार बनी उनका भी मार्गदर्शन मिला।राजनीति तो आज है कल नहीं, श्री सेवा संस्थान बन्द नहीं करेगा सेवा
केकृपलानी ने कहा कि मैं राजनेता नहीं हूं मैं भारतीय जनता पार्टी का साधारण कार्य करता हूं। मेरे मन में हमेशा मानव की सेवा करने की हमेशा भावना रहती थी। राजनीति में आने का उद्देश्य भी यही था कि राजनीति में आकर गरीब की सेवा कर सकूं। क्षेत्र का विकास करवा सकूं। राजनीति में रह कर जो कार्य हम नहीं कर पाए थे वह हमने श्री सेवा संस्थान के माध्यम से पूरे किए। मुझे खुशी है इस बात की कि श्री सेवा संस्थान की हमारी इतनी अच्छी टीम व सदस्य हैं, जो पिछले कई वर्षों से हॉस्पिटल में भोजन की व्यवस्था करवा रहे हैं वहीं आंखो के इलाज के केम्प लगाते रहे हैं। कोरोना काल में भी हम जितनी सेवा कर सकते थे श्री सेवा संस्थान की टीम द्वारा राजनीति से ऊपर उठ कर करने का प्रयास करते रहे हैं, उसमें हमें सफलता मिली है। भगवान से प्रार्थना करता हूं कि राजनीति तो आज है कल नहीं है, लेकिन हमारी संस्था के माध्यम से हम गरीब की सेवा का कार्य हम कभी बंद नहीं करें।राजनीति में पद पर पहुंचने के बाद यह नहीं देखें कि व्यक्ति किस पार्टी का है
कृपलानी ने बताया कि मेरा यह मानना है कि राजनेता बनने के बाद या किसी पद पर आने के बाद वह जनता के लिए सबका नेता होता है तो मेरा प्रयास हमेशा ऐसा रहा है कि राजनीति से ऊपर उठ कर मेरे पास कोई भी गरीब व्यक्ति आए तो मैं उससे कभी नहीं पूछता हूं कि मुसीबत में आया आदमी बीजेपी का है या कांग्रेस का। उसकी मदद करने की जो भगवान ने प्रेरणा दी है उस पर काम करने का प्रयास करता हूं। लोगों से भी मैं यही अपील करता हूं कि आप किसी पद पर पहुंचे तो उसके बाद इस बात का प्रयास करें कि हम राजनीति से ऊपर उठ कर उनकी सेवा करें। यह मानव सेवा का सबसे बड़ा काम है।चुनाव में हार-जीत बड़ी बात नहीं, सेवा का लक्ष्य पूरे करते रहना चाहिए
कृपलानी ने कहा कि सांसद के रूप में अफीम किसानों की समस्या का समाधान करना हो, चित्तौड़गढ़ जिले को ब्रॉडगेज लाइन से जोड़ना हो, चित्तौड़गढ़ को फोरलेन से जोड़ना हो, कई बड़े-बड़े काम हमने सांसद रहते किए हैं। राजस्थान में विधानसभा के सदस्य के रूप में भी निंबाहेड़ा विधानसभा में काम की कोई कमी नहीं रखी। मंत्री के रूप में भी आप राजस्थान में कहीं पर भी जाकर पूछ सकते हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने जो मुझे आदेश दिया, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने मुझे मंत्री बनाया मैंने इस बात का प्रयास किया चित्तौड़गढ़ जिले का व निम्बाहेड़ा विधानसभा का नाम आगे बढ़ा सकूं। राजस्थान के विकास में हमने कई योगदान दिए व कई योजनाएं हमने लागू की है। नगरपालिका के कानूनों में हमने कितने ही संशोधन किए ताकि गरीब आदमी को पट्टा मिल सके, उसकी समस्या का समाधान हो सके। ऐसे कई बड़े-बड़े काम करने का मैंने प्रयास किया। मुझे विश्वास है कि यह सभी काम जनता को नजर आ रहे हैं। चुनाव में हार जीत होती रहती है, यह कोई बड़ी बात नहीं है। व्यक्ति वोट किस परिस्थिति में डालता है यह आप से छुपा हुआ नहीं है। लेकिन जो आपने लक्ष्य निर्धारित किया सेवा का उस पर आदमी को लगे रहना चाहिए।राजस्थान में भाजपा का भविष्य उज्जवल
भाजपा के भविष्य के बारे में पूछने पर कृपलानी ने बताया कि राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी का भविष्य उज्जवल है। राजस्थान ही नहीं पूरे हिंदुस्तान में आने वाले चुनाव के बाद देखोगे तो पूरे हिंदुस्तान से ही कांग्रेस का सफाया होगा। राजस्थान में भी कांग्रेस पार्टी बुरी तरह से हारेगी। भारतीय जनता पार्टी को तीन चौथाई सीटें मिलेगी।डोडा चूरा के मामले में झूंठ बोल रही कांग्रेस सरकार
कृपलानी ने बताया कि डोडा चूरा को लेकर राजस्थान सरकार कहती है कि यह केंद्र सरकार का मामला है तो बिल्कुल झूठ बोलती है। अफीम का मामला केंद्र सरकार का है, डोडा चूरा का मामला एक्साइज डिपार्टमेंट देखता है, राजस्थान की सरकार देखती है। मैंने व पहले जब वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री बनी थीं तब हम सबने मिल कर 2 के डोडे चूरा को 200 रुपए तक पहुंचाया था। पहले किसान डोडा चूरा जला देता था। अब किसान की मुख्य आय का स्रोत डोडा चूरा है। राजस्थान की सरकार अपने निकम्मापन को छुपाने के लिए इस डोडा चूरा को बंद कर रही है और केंद्र सरकार पर थोपने का प्रयास कर रही है। जबकि पूरी की पूरी जिम्मेदारी अशोक गहलोत सरकार की है।कोरोना में विफल रही कांग्रेस सरकार
कोरोनावायरस को लेकर कृपलानी ने बताया कि कोरोना काल में राजस्थान की सरकार पूरी तरह से विफल रही है। चाहे ऑक्सीजन पहुंचाने का मामला हो, बेड उपलब्ध बेड उपलब्ध कराने का मामला हो वहीं ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीद में करप्शन हुआ है। आपदा में अवसर गहलोत सरकार ने किया है। इस आपदा में भी इनके मंत्रियों ने कमाने का काम किया है।सेवा के रूप में करें कार्य
कृपलानी ने कहा कि जन्मदिन किसी का आता है वह उसके खुशी का दिन होता है। परिवार वाले व मित्र भी खुश होते हैं। हम पार्टी का काम करते हैं तो पार्टी कार्यकर्ताओं में भी उत्साह रहता है। लेकिन वर्तमान में जिस तरह की परिस्थितियों से पूरा देश व विश्व कोरोना काल से गुजर रहा है ऐसे में मैं सभी से निवेदन करूंगा कि कोरोना गाइड लाइन के अनुसार कोराना के नियमों की पालन करते हुए हम मानव सेवा के जितने अच्छे काम कर सकते हैं उसका उपयोग करके व कार्य करें।छात्र नेता से यूडीएच मंत्री तक का यह सफर
कृपलानी चित्तौड़गढ़ जिले में भाजपा के पर्याय के रूप में है। वर्ष 1977 में छात्रसंघ अध्यक्ष, 1978 मे युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष, 1982 में पार्षद, 1983 से 87 तक संगठन में उतरोत्तर प्रगति व सन 1990 में मात्र 32 वर्ष की उम्र में विधायक, 1992 में पार्टी जिलाध्यक्ष, 1995 में जिला प्रमुख, 1998 में फिर विधायक तथा 1999 व 2004 में दो बार सांसद बने और 2006 में प्रदेश महामंत्री पद से नवाजे गए। मात्र 20-22 वर्ष में जिले की राजनिति के तमाम पद उन्होने चरणबद्ध नाप लिए। गत वसुंधरा सरकार में कृपलानी यूडीएच मंत्री बनाये गए थे।