views
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जिला एवं सेशन न्यायालय चितौड़गढ़ ने विवाहिता के साथ दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त को दोषी पाया है। अभियुक्त को 10 वर्ष का साधारण कारावास और 10 हजार रुपए अर्थदंड सुनाया है। इस मामले में बड़ी बात यह रही कि गिरफ्तारी से लेकर सजा होने तक एक साल से भी अधिक समय से अभियुक्त जेल में ही बंद चला रहा है। लोक अभियोजक सुरेशचंद्र शर्मा ने बताया कि 18 जून 2021 की रात को करीब नो बजे एक पीड़िता ने जिले के गंगरार में रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया कि वह थाना क्षेत्र के एक गांव में किराए के मकान में रहती है। पीड़िता मकान पर ही थी और उसका चार साल का पुत्र टीवी देख रहा था। इसी दौरान बोरदा गांव ने रहने वाला शंभु पुत्र रामा गिरी गोस्वामी कमरे में जबरन घुस आया। अभियुक्त ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। विरोध किया तो आरोपी ने उसके दोनों हाथ पकड़ लिए और गला दबाने लगा। बाद में अभियुक्त ने जाते समय धमकी दी कि इस बारे में उसने किसी को बताया तो उसके बच्चे को जान से मार देगा। आरोपी के जाने के बाद शाम को पति काम से लौटा तो पीड़िता ने अपनी पीड़ा बताई। पीड़िता की रिपोर्ट पर गंगरार थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले में जांच शुरू की। अभियुक्त को गिरफ्तार कर जांच के बाद न्यायालय में चालान पेश किया।गिरफ्तारी के बाद अभियुक्त को एक भी बार जमानत नहीं मिली और वह जेल में ही बंद चल रहा था। प्रकरण की सुनवाई के दौरान कोर्ट में अभियोजन पक्ष की और से 14 गवाह और 13 दतावेज पेश किए गए। मामले में सुनवाई करते हुवे जिला एवं सेशन न्यायाधीश चित्तौड़गढ़ ओमी पुरोहित ने अभियुक्त शंभूगिरी को दोषी माना। अभियुक्त को धारा 376 में 10 साल की साधारण कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माना सुनाया।