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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। पोक्सो न्यायालय चित्तौड़गढ़ क्रमांक-1 के न्यायाधीश ने किशोरी के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त को दोषी पाते हुवे 10 वर्ष के कठोर कारावास तथा अलग-अलग धाराओं में कुल 40 हजार रुपए अर्थदंड सुनाया है। पोक्सो कोर्ट चित्तौड़गढ़ के विशिष्ठ लोक अभियोजक शोभालाल जाट ने बताया कि राशमी थाने में 17 नवंबर 2018 को एक प्रार्थी ने रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया कि 13 नवंबर को वह और उसकी पत्नी उदयपुर गए थे। पीछे से घर पर प्रार्थी की मां और 15 साल की भांजी ही थे। इस दौरान प्रकाश पुत्र बद्रीलाल भील प्रार्थी की भांजी का अपहरण कर ले गया। फोन पर सूचना मिलते ही नाबालिग का मामा वापस अपने घर आया और किशोरी को ढूंढने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मिली। भांजी का फोन भी बंद पाया। पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कर आगे जांच की। वहीं पुलिस ने 28 नवंबर 2018 को अभियुक्त प्रकाश को गिरफ्तार कर किशोरी को मुक्त करवाया। नाबालिक का मेडिकल करवाने पर उसके साथ दुष्कर्म होना पाया गया, जिसके बाद आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया। न्यायालय में अभियोजन पक्ष की और से 15 गवाह और 19 दस्तावेश पेश किए गए। पोक्सो न्यायालय चित्तौड़गढ़ क्रमांक-1 के न्यायधीश ने अभियुक्त प्रकाश को दोषी मानते हुए अलग-अलग धाराओं में 10 साल का कठोर कारावास और 40 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया।