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देश-दुनिया के इतिहास में 06 सितंबर की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम के लिए भी याद की जाती है। यह ऐसी तारीख है जिसने पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए थे। हुआ यह था कि भारत को आजाद हुए कुछ साल ही हुए थे कि दो बड़ी घटनाएं हुईं। 1962 में चीन से युद्ध हुआ और 1964 में जवाहरलाल नेहरू का निधन। चीन से युद्ध में हार की वजह से भारतीयों का मनोबल टूट चुका था। दूसरी तरफ जवाहरलाल नेहरू के निधन से भारत में नेतृत्व संकट पैदा हो गया था।
पाकिस्तान इसका फायदा उठाना चाहता था। उसने ऑपरेशन जिब्राल्टर की शुरुआत की। पाकिस्तान ने हजारों लड़ाकों को गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग दी गई। हथियारों से लैस यह लड़ाके पांच अगस्त 1965 को कश्मीर में घुसे। इनका पहनावा और रहन-सहन बिल्कुल कश्मीरियों जैसा था।
कश्मीर के लोगों ने अपने बीच रह रहे पाकिस्तान के इन लड़ाकों को पहचान लिया और इसकी खबर भारतीय सेना को दे दी। भारतीय सेना ने शुरुआत में कई लड़ाकों को गिरफ्तार किया। भारत ने स्पेशल कमांडोज को इन लड़ाकों को पकड़ने और मारने की जिम्मेदारी दी। पाकिस्तान को लगा कि उसका यह प्लान फेल होने वाला है तो उसने भारत पर तोप के गोले दागना शुरू कर दिया। इसी के साथ भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हो गया।
पाकिस्तान ने कश्मीर के उरी और पुंछ जैसे इलाकों पर कब्जा कर लिया तो वहीं भारत ने पीओके में आठ किलोमीटर अंदर घुसकर हाजी पीर पास को अपने कब्जे में कर लिया। पूरे अगस्त में दोनों देशों के बीच युद्ध चलता रहा। एक सितंबर को पाकिस्तान ने ऑपरेशन ग्रैंडस्लैम लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य भारत के लिए रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण अखनूर सेक्टर पर कब्जा करना था।
पाकिस्तान की इस चाल का जवाब देते हुए भारत ने छह सितंबर, 1965 को सरहद पार कर लाहौर और सियालकोट पर हमला किया। भारत की ओर से ये युद्ध की आधिकारिक शुरुआत थी। भारतीय सेना ने लगभग-लगभग लाहौर पर कब्जा कर ही लिया। कश्मीर पर कब्जा करने की उम्मीद से भारत में घुसा पाकिस्तान लाहौर को खोने ही वाला था। संयुक्त राष्ट्र के दखल के बाद 23 सितंबर को सीजफायर की घोषणा हुई। बाद में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री अयूब खान के साथ ताशकंद समझौता किया।
महत्वपूर्ण घटनाचक्र
1552: समंदर के रास्ते पृथ्वी का पूरा चक्कर लगाने वाला पहला जहाज विक्टोरिया स्पेन लौटा।
1848: अमेरिकी राज्य ओहियो के शहर क्लीवलैंड में राष्ट्रीय अश्वेत सम्मेलन।
1901: अमेरिका के 25वें राष्ट्रपति विलियम मैककिनले को गोली मार दी गई। आठ दिन बाद उनकी मौत हो गई।
1914: फ्रांस एवं जर्मनी के बीच मार्ने का युद्ध प्रारम्भ।
1916: पहला सुपर मार्केट अमेरिका के टेनेसी में खुला।
1924: इटली के तानाशाह बेनितो मुसोलिनी की हत्या का प्रयास विफल।
1939: दक्षिण अफ्रीका ने नाजी जर्मनी पर युद्ध की घोषणा की।
1958: अमेरिका ने अटलांटिक सागर में परमाणु परीक्षण किया।
1988: सोवियत संघ ने भूमिगत परमाणु परीक्षण किया।
1991: सोवियत संघ ने तीन बाल्कन राष्ट्रों एस्टोनिया, लाट्विया और लिथुआनिया को 50 साल के कम्युनिस्ट शासन से आजाद किया।
1997: बिट्रेन ने एक हफ्ते तक शोक मनाने के बाद प्रिंसेस डायना को अंतिम विदाई दी।
2000: संयुक्त राष्ट्र महासचिव कोफी अन्नान द्वारा संयुक्त राष्ट्र सहस्त्राब्दि शिखर सम्मेलन का शुभारम्भ।
2007: इजरायल ने ऑपरेशन ऑर्चर्ड के तहत सीरिया के न्यूक्लियर रिएक्टर को उड़ाया।
2008: डी. सुब्बाराव ने भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर का कार्यभार संभाला।
2011: नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार भारत-पाकिस्तान सीमा रेखा सुरक्षा के लिए सीमा पर लगाई गई फ्लड लाइटों के कारण अंतरिक्ष से दिखाई देने वाली विश्व की सर्वाधिक जगमग सीमा रेखा है।
2012: अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए बराक ओबामा डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार बने।
जन्म
1838ः पंजाब के महाराज रणजीत सिंह के सबसे छोटे पुत्र दलीप सिंह।
1889: स्वतंत्रता सेनानी शरत चंद्र बोस।
1929ः भारतीय फिल्म निर्माता यश जौहर।
1937ः भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता एमओएच फारूक।
1997ः भारतीय भारोत्तोलक (वेटलिफ्टर) लवप्रीत सिंह।
निधन
1968ः बड़ौदा की राजकुमारी इंदिरा राजे।
1972ः सरोद वादक और संगीत के 'मैहर घराने' की नींव रखने वाले अलाउद्दीन खां।
1998: जापान के फिल्म निर्माता और निर्देशक अकिरा कुरोसावा।
2005ः परमवीर चक्र से सम्मानित मेजर धनसिंह थापा।
2009ः पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री हरचरण सिंह बराड़।