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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर स्थित मिठारामजी का खेड़ा क्षेत्र में रहने वाले पुजारी ने राजसमंद जिले के नाथद्वारा में स्थित दिल्ली वाली धर्मशाला के एक कमरे में आत्महत्या कर ली। पुजारी पिछले आठ दिनों से नाथद्वारा की इस धर्मशाला में ठहरा हुआ था और शुक्रवार को कमरे में केरोसिन उड़ेल खुद को आग लगा दी। राजसमंद पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि नाथद्वारा में दिल्ली वाली धर्मशाला में चित्तौड़गढ़ के मिठारामजी का खेड़ा निवासी भगवतदास पुत्र प्रेमदास महाराज कई बार नाथद्वारा आता रहता था। यह सप्ताह भर या दस दिन तक यहां रहता और श्रीनाथजी के नियमित दर्शन करता था। इस बार भी वह एक दिसंबर को नाथद्वारा पहुंचा और दिल्ली वाली धर्मशाला में एक कमरा किराए पर लिया था। यह नाथद्वारा में रह कर श्रीनाथजी के दर्शन कर रहा था। इसने शुक्रवार को धर्मशाला के कमरे में खुद पर केरोसीन डाल कर आग लगा दी। इस तरह खुद जिंदा जल गया। धर्मशाला के कमरे से जब धुआं निकलता देखा, तो लोग दौड़ कर आए और दरवाजा तोड़ कर देखा तो भगवतदास जिंदा जल चुका था। बाद में सूचना पर नाथद्वारा थाने से पुलिस मौके पर पहुंची। घटनास्थल का मुआयना करने के बाद पुजारी के शव की पहचान करते हुए परिजनों काे सूचना दी गई। साथ ही शव को नाथद्वारा के गोवर्धन राजकीय जिला चिकित्सालय के माेर्चरी में रखवा दिया। अब परिजनों के आने के बाद पुलिस द्वारा शव के पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पुलिस ने आत्महत्या करने का प्रकरण दर्ज करते हुए सभी पहलुओं पर गहन जांच शुरू कर दी। फिलहाल पुजारी के आत्महत्या करने के पीछे के कारण स्पष्ट नहीं हो पाए हैं।