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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। विधानसभा में बुधवार को चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभानसिंह आक्या ने प्रश्न काल में नगर परिषद चित्तौड़गढ़ से जुड़ा एक प्रश्न उठाया है। इसमें उन्होंने नगर परिषद चित्तौड़गढ़ की ओर से रोहिंग्या एवं बांग्लादेशों को पट्टे देने की बात कह जांच की मांग की। इसके जवाब में नगरीय विकास मंत्री ने कहा कि शिकायत मिलने पर अतिरिक्त जिला कलक्टर स्तर पर इस मामले की जांच करवाएंगे। इस पर विधायक आक्या ने पुनः सवाल उठाया और उन्होंने कहा है कि इस मामले में खुद शिकायत कर रहा हूं। चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने चित्तौड़गढ़ नगर परिषद की कार्यशैली को विधानसभा के पटल पर रखा है। इस मामले में जांच की मांग की है।
जानकारी में सामने आया कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद विधानसभा का सत्र 19 जनवरी से शुरू हुआ था। इसके बाद मंगलवार से पुनः सत्र शुरू हुआ। इसमें बुधवार को चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने प्रश्न काल में चित्तौड़गढ़ नगर परिषद से जुड़ा सवाल किया है। विधायक आक्या के प्रश्न संख्या 23 के जवाब में नगरीय विकास मंत्री ने कहा कि चित्तौड़गढ़ शहरी क्षेत्र में वर्तमान में 20 कच्ची बस्तियां हैं, जो 1999 से पूर्व अवस्थित है। इन कच्ची बस्तियों में 3380 परिवार निवासरत है इसमें 13516 नागरिक निवास कर रहे हैं। उक्त कच्ची बस्तियों में 2403 पट्टे नगर परिषद की ओर से जारी किए गए हैं। वंचित रहे शेष निवासियों में से पात्र परिवारों को आगामी दिनों में नियमानुसार पट्टे जारी किए जाएंगे। इस पर विधायक चंद्रभानसिंह आक्या ने कहा कि चित्तौड़गढ़ शहर में 20 कच्ची बस्तियां हैं, जो कौन-कौन सी है तथा इनमें से किस कच्ची बस्ती में सरकार द्वारा पट्टे कब जारी किए। आक्या ने आगे पूछा कि क्या यह सही है कि नगर परिषद द्वारा जारी 2403 पट्टों में से कई लोगों को दोहरी पट्टे जारी किए गए। साथ ही उक्त जारी पट्टे 2403 में से कई लोग चित्तौड़गढ़ के मूल निवासी नहीं होकर बाहर के बांग्लादेशी व रोहिंग्या है, हां तो क्या सरकार इन सभी पट्टों की जांच करवा कर पात्र परिवार को पट्टे जारी करने का विचार रखती है। इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि मैं सदन को आश्वस्त करूंगा करना चाहूंगा कि माननीय सदस्य ने जो शंका जाहिर की है अगर किसी भी गैर भारतीय, किसी घुसपैठियों ने कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से भूखंड आवंटित करवा लिया है, कोई शिकायत प्राप्त होगी वहां की अतिरिक्त जिला कलेक्टर से उसकी जांच करवाएंगे। विधिक जांच रिपोर्ट के आधार पर विधिक अनुसार कार्रवाई करते हुए गलत दस्तावेज के माध्यम से कोई लाभ प्राप्त किया है उसके लिए भी जो कानूनी कार्रवाई होगी वह करेंगे। बाकी जो परिवार वंचित हैं उनके लिए हम शीघ्र ही कोई ना कोई योजना बना कर उन्हें भी पुनर्वासी करेंगे। इस पर विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने पुनः सवाल किया कि उन्होंने जो अभियान व अन्य माध्यम से पट्टे जारी हुवे अपने चहेतों को पट्टे दे दिए। जो विचारधारा के अनुसार उन्होंने पट्टे दिए। जो कच्ची बस्ती में जो विचारधारा के अनुरूप नहीं थे उन्हें पेट नहीं दिए। वह सभी 100 प्रतिशत वंचित है। उनका आप समय बता दे कि हम इतने समय में पट्टे जारी करवा देंगे। उनके चहेते और विचारधारा वाले लोगों को तो जिन विचारधारा की सरकार थी उसके अनुसार उन्होंने पट्टे जारी कर दिए। जो हमारे विचारधारा के लोग थे उन्हें एक भी पट्टा जारी नहीं किया। विधायक आक्या ने कहा कि निर्दलीयों की भी विचारधारा होती है। भले ही आप मंत्री रहे हैं निर्दलीयों की विचारधारा होती है। तभी एक लाख वोटो से जीत के आए हैं। आक्या ने सवाल उठाया कि बांग्लादेशी व रोहिंग्या को जो पट्टे दे दिए तो मैं खुद ही शिकायत कर रहा हूं आपको। चित्तौड़गढ़ की कच्ची बस्ती में बांग्लादेशी व रोहिंग्या लोग बसे हुए हैं। यहां के दस्तावेज, आधार कार्ड, राशन कार्ड आदि बनवा दिए। उनके प्रति आप क्या करेंगे। इन्हें कैसे हटाएंगे। उन्हें यहां से कब हटवाएंगे और हमारी विचारधारा के जो लोग हैं उनके पट्टे आप कितने समय में दिलवाएंगे। इस पर मंत्री ने जवाब दिया कि विचारधारा से मुझे कोई मतलब नहीं है। जो भी पात्र भारतीय जो भारत का मूल निवासी है, जिसके पास रहने के लिए कोई भूखंड नहीं है, वह चाहे किसी भी जाति का हो, किसी भी वर्ग का हो किसी भी धर्म का हो उसका हक बनता है कि उसे हम भूखंड आवंटित करें। बांग्लादेश व रोहिंग्या की बात की उसका हमने आपको पहले ही निवेदन कर दिया सदन के मार्फत। ऐसी कोई भी व्यक्ति जो मूल रूप से भारतीय नहीं है, अगर उन्होंने कूट रचित दस्तावेजों के माध्यम से अनियमितता कर के भूखंड प्राप्त कर लिए हैं, उनके भूखंड निरस्त करने के साथ-साथ उनके खिलाफ भी फर्दकारी के मामले जो भी कानूनी कार्यवाही हो सकती है वह करने में कोई कोताही नहीं बरतेंगे। बाकी जो आपके पात्र लोग रह गए हैं उनके लिए हम योजना बना कर यथा संभव 2024 में प्रयास करेंगे कि उनको भी भूखंड आवंटित हो जाए। मंत्री ने कहा कि चहेतों को भूखंड देने की अगर कोई भी शिकायत आएगी तो जिन लोगों ने अपात्र होते हुए भूखंड आवंटित करवा लिए उनके भूखंड निरस्त करते हुए जिस भी अधिकारी ने उनको भूखंड आंवतित किया है उसके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी।