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रोहित रेगर
सीधा सवाल। छोटीसादड़ी। कहा जाता है कि यदि कोई जहर धीरे-धीरे लोगों को दिया जाए तो लोगों को उसकी आदत हो जाती है। ऐसा ही कुछ छोटीसादड़ी क्षेत्र के लोगों के साथ हुआ है। जहां अलग-अलग मार्ग से धीरे-धीरे कर राजस्थान सरकार की राज्य पथ परिवहन निगम सेवा की रोडवेज बसों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। हालत यह है कि इस क्षेत्र के लोग अपने आवागमन के लिए या तो खुद के साधन अथवा निजी बसों पर पूरी तरह से निर्भर है। बड़ीसादड़ी-उदयपुर मार्ग पर छोटीसादड़ी होते हुए जाने वाली रोडवेज बसें किसी समय में इस क्षेत्र के लोगों की उदयपुर तक सीधी पहुंच बनती थी। लेकिन धीरे-धीरे चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ डिपो की बेरुखी के चलते एक और जहां यह क्षेत्र सरकारी आवागमन की दृष्टि से पूरी तरह से बेसहारा हो गया। वहीं, दूसरी ओर निजी बस संचालकों की मनमानी का शिकार होने के लिए लोग मजबूर हो गए। लगातार जनप्रतिनिधियों को शिकायत देने के बावजूद अब तक रोडवेज बस के संचालक को लेकर कोई पहल नहीं की गई है।
जनप्रतिनिधियों से गुहार अब मांग पूरी होने की आस
चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ के बीच बसा यह बड़ा कस्बा इसलिए भी उपेक्षा का शिकार है क्योंकि विधानसभा के लिहाज से छोटीसादड़ी चित्तौड़गढ़ जिले की निंबाहेड़ा विधानसभा में आता है। वहीं जिले के लिहाज से इस परिसीमन में प्रतापगढ़ जिले में शामिल किया गया है। ऐसी स्थिति में दो जिलों के जनप्रतिनिधियों के बीच छोटीसादड़ी के लोग फंस कर रह गए हैं। प्रतापगढ़ डिपो द्वारा यहां बसों का संचालन नहीं किया जा रहा है। वही चित्तौड़गढ़ डिपो भी इस रूट पर कोई खास रुझान नहीं दिख रहा है। हालांकि कई बार लोगों ने जनप्रतिनिधियों से गुहार भी लगाई है, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। अब सरकार बदलने के बाद निंबाहेड़ा विधायक श्रीचंद कृपलानी ने इस बारे में आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस क्षेत्र को बस की सुविधा मिलेगी। ऐसे में लोगों को आस बंदी है कि लंबे समय से अपेक्षा की शिकार हो रही छोटीसादड़ी क्षेत्र की जनता को अब राहत मिल पाएगी।
निजी बस संचालकों की मनमानी जेब पर भारी
छोटीसादड़ी क्षेत्र के लोग कई मामलों में सुविधाओं के उदयपुर की ओर रुख करते हैं जिसमें चिकित्सा सेवा अत्यधिक महत्वपूर्ण है। क्षेत्र में चिकित्सा के लिए सरकारी क्षेत्र में विशेष सुविधा नहीं है। ऐसे में लोग उदयपुर जाते हैं। लेकिन साधन के अभाव में एक और जहां निजी बस संचालक मनमाना किराया वसूल करते हैं। वही लोग ऐसी स्थिति में जाने से परहेज करते हैं। इसी के साथ दूसरी ओर बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के लिए लोग निजी अस्पतालों की और जाने को मजबूर है। ऐसे में इस क्षेत्र के लोगों पर दोहरी मार पड़ रही है और ऐसी स्थिति में राज्य सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ भी इन्हें नहीं मिल पा रहा है। रोडवेज प्रबंधन की बेरुखी लोगों की जेब पर बहुत भारी पड़ रही है और इसी के चलते सरकारी सुविधाओं से भी लोगों को वंचित होना पड़ रहा है।
साधन के अभाव में विद्यार्थी भी हो रहे परेशान
रोड़वेज बसें बंद होने से यात्रियों के साथ-
साथ रोजाना आने-जाने वाले विद्यार्थियों को
भी अधिक किराया देकर सफर करना पड़
रहा है। विद्यार्थियों ने बताया कि बसें नही
होने से रोजाना परेशानियों का सामना करना
पड़ता है और निजी बसों में अधिक किराया
देकर कॉलेज जाना पड़ रहा है। विद्यार्थियों ने
रोड़वेज बसों का संचालन शीघ्र करने की मांग की है।
यह रोडवेज बसें है बंद
उदयपुर से 6 बजे चलने वाली बस जो वाया डूंगला, मंगलवाड, बड़ीसादड़ी, छोटीसादड़ी तक संचालित होती थी। वहीं उदयपुर से दोपहर 2 बजे वाया मंगलवाड, बड़ीसादड़ी, छोटीसादड़ी, प्रतापगढ़ तक और राजसमंद से प्रतापगढ़ जाने जाने वाली वाया कपासन, सांवलियाजी, निकुंभ चौराहा, निंबाहेड़ा, छोटीसादड़ी और प्रतापगढ़ तक संचालित होती थी। इससे पहले रतलाम से चितौड़गढ़ रोडवेज बस संचालित हो रही थी लेकिन इस बस को भी रतलाम से प्रतापगढ़ तक ही संचालित किया जा रहा है। जो कई महीनों से बंद होने के कारण यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। इससे लोगों को जीप और अन्य साधनों में जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं। यात्रियों ने शीघ्र बसों का संचालन शुरू करने की मांग की है।
विभाग की उदासीनता, बसों का नही हो पा रहा संचालन
यात्रियों ने बताया कि रोडवेज डिपो की उदासीनता के चलते उदयपुर, मंगलवाड, डूंगला, बड़ीसादड़ी, छोटीसादड़ी तक 130 किलोमीटर का सबसे बड़ा मार्ग होने के बावजूद भी इस मार्ग पर कई गांव के लोग रोडवेज बस में यात्रा करते हैं। ऐसे में रोडवेज विभाग के उच्च अधिकारियों के ढुलमुल रवैया से इस मार्ग पर पिछले कई सालों से चली आ रही बसों को भी विभाग धीरे-धीरे बसें बंद कर दी। इससे यात्रियों में रोडवेज विभाग के प्रति भारी रोष व्याप्त है। वहीं उदयपुर अस्पताल में इलाज के लिए जाने वाले मरीज बसों के इंतजार में बस स्टैंड पर बैठे ही रह जाते हैं और उन्हें अधिक राशि देकर प्राइवेट बसों और अन्य साधनों में यात्रा करना मजबूरी बनी हुई है।
इनका कहना है...
रोडवेज बसों का संचालक को लेकर आचार संहिता के बाद व्यवस्था सुचारू की जाएगी और नई बसों का संचालन किया जाएगा। जिससे क्षेत्र के लोग लाभान्वित हो सके।
श्रीचंद कृपलानी, विधायक निंबाहेड़ा-छोटीसादड़ी
इनका कहना है..
अभी बसों की कमी है। जो रूट है, वो भी सही से नही चल पा रहे हैं। उसमें भी परेशानी आ रही है। नई बसों के लिए विभाग को लिखा है, नई बसे मिलने के बाद संचालन किया जाएगा। जिसके बाद यात्रियों को परेशानी नही होगी।
विष्णु कुमार वर्मा, डिपो मैनेजर प्रतापगढ़