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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जिले के सांवलियाजी कस्बे में गणपति विसर्जन के दौरान एनिकट में डूबी ननंद व भाभी की जान बचा ली। पहले तो एक युवक देवदूत बन कर आया और दोनों को पानी से बाहर निकाला। बाद में उप जिला चिकित्सालय सांवलियाजी के चिकित्सक, वरिष्ठ मेलनर्स और स्टाफ ने मेहनत कर के पहले अंबू बैग से ननद की जान बचाई और सांस लौटाई। बाद में भाभी को भी अंबू बैग से कृत्रिम सांस देकर बचाया। अंबू बैग को ऑक्सीजन सिलेंडर से जोड़ कर जुगाड़ से वेंटीलेटर तैयार किया। इसके बाद में करीब 100 किलोमीटर दूर उदयपुर निजी चिकित्सालय रैफर किया। पूरे रास्ते अंबू बैग को दबाते हुवे कृत्रिम सांस देते हुवे मरीज को उदयपुर ले गए। भाभी की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। एक तरफ निजी प्रयासों से मरीजों की जान बच गई तो वहीं उप जिला चिकित्सालय होने के बाद भी संसाधनों से स्टाफ जूझ रहा है।
जानकारी के अनुसार अनंत चतुर्दशी के अवसर पर जिले के गांव-गांव गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ। सांवलियाजी निवासी देवीलाल छिपा की पुत्री अनुराधा और बहु खुशबू परिजनों के साथ प्रतिमा विसर्जन के लिए एनिकट पर पहुंची। प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक डूबने लगी तो दूसरी भी बचाने गई। इस चक्कर में दोनों डूब गई। थोड़ी देर बाद इसकी जानकारी गिदाखेडा निवासी शंभूलाल को मिली, जो भी कुछ दूरी पर नहा रहा था। इसने दोनों को बाहर निकाला और लोगों के सहयोग से चिकित्सालय पहुंचाया। इसकी जानकारी मिली तो परिजन भी मौके पर और बाद में चिकित्सालय पहुंचे।
पहले देना पड़ा सीपीआर
जानकारी में सामने आया कि अनुराधा को वरिष्ठ मेलनर्स फारुख मोहम्मद के क्लीनिक पर लाया गया। इसकी हालात बहुत ही गंभीर थी। श्वास नहीं चल रही थी और प्लस भी काफी देर से आ रही थी। इसे सीपीआर दिया और दो बार अंबू बैग से श्वांस दी। इससे अनुराधा की श्वांस चलने लगी। इससे सभी ने राहत की सांस ली। इसका उपचार बाद में सांवलियाजी में ही चला।
ईसीजी में खाली, काफी मशक्कत से संभाला
इधर, गंभीर अवस्था में खुशबू को उपचार के लिए उप जिला चिकित्सालय सांवलियाजी ले जाया गया यहां उसकी हालत बहुत गंभीर थी। नब्ज बंद थी और ईसीजी खाली आई। यहां डॉक्टर हरिओम धाकड़, डॉ देवेंद्र नाराणिया, मेलनर्स फारूक मोहम्मद व नर्स मंजू शर्मा, कल्पना खराड़ी व 108 स्टाफ ने मेहनत की। हार्ट में सीपीआई करके इंटीब्यूट किया गया। अंबु बैग से कृत्रिम श्वास दी। इससे हार्ट बीट चली। बाद में उसे गंभीरवस्था में उपचार के लिए उदयपुर रैफर कर दिया। यहां एक निजी चिकित्सालय में उपचार जारी है। अभी खुशबू को होश नहीं आया।
ऑक्सीजन सिलेंडर को अंबू बैग में जोड़ वेंटीलेटर जैसे उपयोग
सांवलियाजी में उप जिला चिकित्सालय होने के बावजूद वेंटीलेटर नहीं है। ऐसे में मेलनर्स ने ऑक्सीजन सिलेंडर की नली को अंबू बैग से जोड़ा। इससे कृत्रिम श्वास देकर खुशबू को उदयपुर ले जाया गया। सांवलियाजी से करीब 100 किलोमीटर दूर उदयपुर के एक निजी चिकित्सालय में भर्ती करवाया। यहां उसका उपचार जारी है। अभी खुशबू को होश नहीं आया है। जानकारी में सामने आया कि अंबू बैग को दबाने से मेलनर्स के हाथों में छाले पड़ गए। सांवलियाजी से उदयपुर तक अंबू बैग को दबाना पड़ा। वहीं रास्ते में अंबू बैग पीछे से खुल गया, जिससे मुंह से अंबू बैग में ऑक्सीजन देनी पड़ी।