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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। वीरभूमि चित्तौड़गढ़ ने कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर भक्ति और शक्ति का अद्वितीय संगम देखा। ओम तत्सत् पारमार्थिक संस्था’ के तत्वावधान में सामूहिक भव्य दीपदान एवं महाआरती का आयोजन किया गया। यह आयोजन शहर की जीवनरेखा गंभीरी नदी के तट पर संपन्न हुआ, जिसमें 3100 दीप प्रज्ज्वलित किए गए। कार्यक्रम की शुरुआत तीर्थ देवता और भगवान गणेश के पूजन से हुई। वेदपाठी विद्वानों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ स्वस्तिवाचन एवं शांति पाठ कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इसके बाद श्रद्धालुओं ने दीपदान का संकल्प लिया और दीप प्रज्ज्वलित कर मां गंगा स्वरूपा गंभीरी नदी में प्रवाहित किए। संस्था अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य पं. विकास उपाध्याय के मार्गदर्शन में विप्र बटुकों एवं अन्य विद्वानों ने 51 दीपों से विशेष महाआरती संपन्न की। इस दौरान मुख्य अतिथि चंद्रभारती महाराज और रामजी शरण महाराज का सम्मान उपरना एवं माला पहनाकर किया गया। साथ ही क्षेत्रीय सांसद सीपी जोशी और अन्य विशिष्ट अतिथियों का भी संस्था द्वारा अभिनंदन किया गया।
पं. विकास उपाध्याय ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान, जप और तप का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, दीपदान से समस्त पापों का शमन, सुख-शांति, और धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस आयोजन में सर्व समाज के वरिष्ठजन, महिला मातृशक्ति, युवक-युवतियां, और बालकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। महिला विप्र फाउंडेशन की अध्यक्ष इंद्रा शर्मा, गुर्जरगौड़ महिला अध्यक्ष तारा जोशी सहित अन्य महिलाओं ने आयोजन को सफल बनाने में योगदान दिया। कार्यक्रम की व्यवस्थाओं में पं. कौशल दांथल, पं. अरविंद, नरेशदत्त व्यास, भरत सोनी और अन्य सदस्यों का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम के अंत में सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद और अल्पाहार वितरित किया गया। संतों ने अपने आशीर्वचन में सनातन धर्म की मर्यादाओं का पालन करते हुए जीवन में सदाचार अपनाने और भक्ति मार्ग का अनुसरण करने का आह्वान किया। अंत में संस्था ने सभी श्रद्धालुओं और अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए धर्म के उत्थान और समाज कल्याण के प्रति समर्पित रहने की प्रतिज्ञा की।