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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। नारकोटिक्स महकमे में कार्यरत कर्मचारियों के खिलाफ समय-समय पर शिकायतें मिलती रहती है। ऐसा ही एक मामले में शिकायत मिलने के बाद जांच एजेंसियां सक्रिय हुई है। जांच एजेंसियों ने नारकोटिक्स चित्तौड़गढ़ में कार्यरत एक निरीक्षक को अपने शिकंजे में लिया है। इससे जांच एजेंसी ने गुरुवार को पूरे दिन पूछताछ की। वहीं इसके आवास की भी तलाशी ली है। यहां जांच एजेंसियां करीब दो घंटे तक रुकी। फ़िलहाल जांच एजेंसियों ने मामले का खुलासा नहीं किया है।
जानकार सूत्रों के अनुसार एक प्रार्थी ने अपने मामले में शिकायत दी थी। इस शिकायत के बाद बुधवार रात से ही जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई। चित्तौड़गढ़ जिले के बाहर से एसीबी के अलावा सीआईडी क्राइम ब्रांच की टीम के नारकोटिक्स कार्यालय आने की बात कही जा रही है। इस टीम ने नारकोटिक्स चित्तौड़गढ़ के खंड तृतीय में कार्यरत निरीक्षक आदर्श योगी को अपने साथ लिया है। जांच एजेंसी ने काफी देर तक पूछताछ की है। जांच एजेंसियों के पहुंचने से नारकोटिक्स कार्यालय में हड़कंप मच गया। जानकारी मिली है कि नामांतरण वाले अफीम लाइसेंस जिन्हें मिलने हैं, उन किसानों परिवार के साथ नारकोटिक्स कार्यालय में बुलाया है। इससे काफी भीड़ भी लगी हुई है। ऐसे में यह कार्य भी कुछ देर प्रभावित रहा। बाद में टीम निरीक्षक को अपने साथ लेकर उसके महेश नगर स्थित किराए के आवास पहुंची। यहां आवास की भी तलाशी ली गई है।
नहीं टूटा ताला, लेनी पड़ी मदद
जानकारी में मिली है कि जांच एजेंसियां जयपुर नंबर के दो वाहन में चित्तौड़गढ़ पहुंचे थी। यह वाहन नारकोटिक्स कार्यालय के पीछे महेश नगर में निरीक्षक आदर्श योगी के आवास पर रुके तो आस पड़ोस के लोग कुछ समझ नहीं पाए। करीब दो घंटे तक टीम मौके पर रुकी रही। काफी देर तक एक कक्ष का ताला नहीं खुला था। इस पर मिस्त्री को बुलाना पड़ा था। ग्राइंडर से ताला तोड़ा गया था। इसके बाद टीम ने दूसरी मंजिल पर स्थित इस कक्ष में प्रवेश किया।
डिप्टी कमिश्नर से बात करवाई, सहयोग के लिए कहा
इधर, सूत्रों की माने तो जांच एजेंसियां नारकोटिक्स कार्यालय पहुंची तो हड़कंप मच गया। इन्होंने ने जिला अफीम अधिकारी खंड तृतीय बीपी सिंह की नारकोटिक्स के डिप्टी कमिश्नर से मोबाइल पर बात करवाई। डिप्टी कमिश्नर ने जांच एजेंसियों का सहयोग करने के निर्देश जिला अफीम अधिकारी को दिए थे। नारकोटिक्स की टीम को भी माजरा समझ नहीं आया कि किस मामले में जांच एजेंसियां आई है।
किसी कार्यवाही से जुड़ा हो सकता है मामला
इधर, सूत्रों की माने तो निरीक्षक को जांच एजेंसियां पूर्व में हुई किसी कार्यवाही को लेकर पूछताछ में जुटी है। नारकोटिक्स की टीम ने नशे की दवाईयां पकड़ी थी। इसी मामले में यह पूछताछ होने की संभावना है। सूत्रों से यह भी पता चला है कि भीलवाड़ा के नशा मुक्ति केंद्र चलाने वाले प्रार्थी ने जांच एजेंसियों को शिकायत दी थी। जांच एजेंसियां बुधवार को ही सक्रिय हो गई। बहुत ही गुपचुप तरीके से यह अभियान चलाया गया।