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कार्य का बहिष्कार कर सीएम और ऊर्जा विभाग के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
सीधा सवाल। छोटीसादड़ी। राजस्थान सरकार के ऊर्जा विभाग में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में सोमवार को कार्य बहिष्कार किया। "राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति" के बैनर तले छोटीसादड़ी में विद्युत क्षेत्र से जुड़े पांचों निगमों के कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए सीएम भजन लाल शर्मा और ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के नाम एसडीएम यतींद्र पोरवाल और सहायक अभियंता को सौंपा गया। विद्युत विभाग के अधिकारी और कर्मचारी रैली के रूप में उपखंड कार्यालय पहुंचे। वहां नारेबाजी और प्रदर्शन के बाद निजीकरण रोकने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में बताया गया कि राज्य के विद्युत उत्पादन, प्रसारण और वितरण निगमों में तेजी से निजीकरण किया जा रहा है, जिससे राज्य की सामरिक सुरक्षा और जनता के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
कर्मचारियों ने ज्ञापन में आरोप लगाया कि एचएएम एचएएम मॉडल और अन्य निजीकरण योजनाओं के तहत ग्रिड संचालन को निजी हाथों में देने से राष्ट्रीय और ग्रिड सुरक्षा को खतरा हो सकता है। साथ ही, राजस्थान के आत्मनिर्भर तापीय उत्पादन गृहों को केंद्र सरकार के उपक्रमों को सौंपने का विरोध करते हुए इसे राज्य और कर्मचारियों के हितों के खिलाफ बताया।
पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग
कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू करने में हो रही देरी पर नाराजगी जताई और CPF कटौती बंद कर GPF कटौती शुरू करने की मांग की। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे लोकतांत्रिक तरीकों से बड़े आंदोलन करेंगे। इस दौरान बड़ी संख्या में अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।