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कार्यवाहक ईओ के आश्वासन के बाद शांत हुए पार्षद
सीधा सवाल। बेगूं। नगर पालिका कार्यालय में दिन ब दिन फैल रही अव्यवस्था पर बुधवार को पालिका पार्षदों का गुस्सा फूट पड़ा। गुस्साए पार्षद पालिका कार्यालय के मुख्य द्वार पर ताला लगाकर कार्यालय के बाहर ही बिछात बिछाकर बैठ गए। पार्षदों ने पालिका कर्मचारियों के उपस्थिति रजिस्टर के नदारद होने पर कड़ी नाराजगी जताई। इसके साथ ही सफाईकर्मी भर्ती प्रक्रिया में भी धांधली का आरोप लगाया। बताया गया कि नगर पालिका में 22 पदों पर चयन के लिए 231 लोगों ने सफाईकर्मी भर्ती प्रक्रिया में आवेदन किया था, लेकिन नगर पालिका द्वारा सिर्फ 25 आवेदकों के नाम ही भेजे गए। तो क्या बाकी बचे आवेदकों के साथ बेगूं पालिका द्वारा खिलवाड़ किया जा है? इसी प्रकार पालिका पार्षदों ने पालिका में आधिकारियों और कर्मचारियों की अनुपस्थिति पर गहरी चिंता जताई। पार्षदों ने कहा कि अधिकारियों की अनुपस्थिति से नगरवासियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। पालिका द्वारा तीन साल गुजरने के बाद भी बोर्ड बैठक आयोजित नहीं करने पर पालिका क्षेत्र के विकास कार्यों की धीमी गति होने पर भी चिंता जताई। मुख्य द्वार पर ताला जड़कर बैठे पार्षदों के बीच करीब तीन घंटे इंतजार करने के बाद कार्यवाहक अधिशासी अधिकारी एवं नायब तहसीलदार विष्णु यादव के मौके पर पहुंचने पर पार्षदों का गुस्सा भी सातवें आसमान पर पहुंच गया। पार्षदों ने वरिष्ठ लिपिक गोविंद लाल मेहर पर सफाईकर्मी अनुभव प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर करने का आरोप लगाया। बताया गया कि वरिष्ठ लिपिक द्वारा कार्य में लापरवाही बरतने से लोगों को पालिका कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते है। इसके साथ ही पालिका पार्षदों द्वारा जिस उपस्थिति रजिस्टर की मांग की जा रही थी, उस रजिस्टर को ईओ के पहुंचने के बाद ताले से बाहर निकाला गया। इस पर ईओ द्वारा अनुपस्थित कर्मचारियों की रजिस्टर में अनुपस्थिति दर्ज की गई। इधर पार्षदों के बढ़ते गुस्से को देखते हुए ईओ द्वारा संबंधित कर्मचारी को नोटिस देने और आगामी 7 दिनों में बोर्ड बैठक आयोजित करने का आश्वासन दिया गया। इस दौरान पालिका उपाध्यक्ष प्रिंस बाबेल, पालिका पार्षद जयदीप बिल्लू, नरेंद्र पुरोहित, योगेश डिडवानिया, ओमप्रकाश छीपा, मुकेश खटीक, राजुलेंद्र सुराणा, मदनलाल रैगर, देवीलाल माली, बंशीलाल मेहर सहित पालिका पार्षद और बड़ी संख्या में सफाई कर्मचारी मौजूद थे।