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सीधा सवाल। बेगूं। 9 वर्ष पूर्व निंबाहेड़ा से कोटा की ओर सरसों भरकर जा रहे ट्रक लूट के मामले में एडीजे राकेश गोयल ने फैसला सुनाते हुए चार आरोपियों को आजीवन कारावास और 50 हजार रूपये के जुर्माने से दंडित करने का आदेश दिया। जानकारी के अनुसार 29 मार्च 2014 को प्रार्थी शंभूलाल ने पारसोली थाने पर उपस्थित होकर एक लिखित रिपोर्ट इस आशय की पेश की, कि प्रार्थी व धन्नलाल गुर्जर के पार्टनर में एक ट्रक आरजे-09-जीए-5886 है। उक्त ट्रक को प्रार्थी और फोरूलाल चलाते है। 28 मार्च 2014 को प्रार्थी के घर पर काम होने से उक्त ट्रक प्रार्थी ने फोरूलाल के जिम्मे किया, जिसके साथ खलासी बद्रीलाल भी था। दोनों ट्रक लेकर सुबह करीब 9 बजे निम्बाहेडा के लिए रवाना किये। ट्रक में निम्बाहेडा से सरसों भरकर कोटा रानपुर जाना था। शाम करीब 9 बजे ड्राईवर ने बताया कि मण्डली से ट्रक में सरसों भर ली है। अब कोटा के लिए रवाना हो गये है। अगले दिन ड्राईवर व खलासी को फोन लगाया तो दोनों के मोबाईल बंद आ रहे है। फिर प्रार्थी व भोजराज गुर्जर ने टोल नाका बस्सी जाकर जानकारी की तो ट्रक रात के 1:37 बजे पर कोटा की तरफ पास हुई तथा 2 बजकर 20 मिनट पर वापस टोल नाका पास कर चित्तौड़गढ़ की तरफ निकली। ड्राईवर व खलासी को तथा सरसों से भरी ट्रक को अज्ञात बदमाश लूट की नियत से ट्रक को फरार कर ले गये। उक्त शिकायत पर पारसोली थाना पुलिस द्वारा अनुसंधान शुरू कर किया गया। अनुसंधान में अभियुक्तगण अनिल, भीमदास, भरत उर्फ भारतेश तथा भैरूलाल के विरूद्ध धारा 395, 365, 342, 368, 323, 120बी भारतीय दण्ड संहिता तथा अभियुक्तगण विनोद, नारायण, प्रकाश तथा महेन्द्र सिंह के विरूद्ध धारा 395, 365, 368, 323, 120बी भारतीय दण्ड संहिता के तहत आरोप-पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। उक्त प्रकरण में अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश राकेश गोयल ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए प्रकरण के चार आरोपियों भरत उर्फ भारतेश उर्फ दिनेश पिता कालू रैगर, अनिल पिता शंकरलाल रावल, भीमदास पिता कैलाशदास बैरागी और भैरूलाल पिता मोहनलाल खटीक को आईपीसी की धारा 395 में आजीवन कारावास और 50 हजार रूपये जुर्माना (जुर्माना अदा नहीं करने पर 3 साल अतिरिक्त कारावास), धारा 368 में 5 वर्ष कारावास और 2 हजार रुपए जुर्माना (जुर्माना अदा नहीं करने पर 2 साल अतिरिक्त कारावास), धारा 365 में 5 वर्ष कारावास और 2 हजार रुपए जुर्माना (जुर्माना अदा नहीं करने पर 2 साल अतिरिक्त कारावास), धारा 120 बी में 3 वर्ष कारावास और 1 हजार रुपए जुर्माना (जुर्माना अदा नहीं करने पर 3 माह अतिरिक्त कारावास), धारा 323 में 1 वर्ष कारावास और 1 हजार रुपए जुर्माना (जुर्माना अदा नहीं करने पर 3 माह अतिरिक्त कारावास) और धारा 342 में 1 वर्ष कारावास और 1 हजार रुपए जुर्माने (जुर्माना अदा नहीं करने पर 3 माह अतिरिक्त कारावास) का आदेश दिया। प्रकरण में मुल्जिम प्रकाश गुर्जर, विनोद धाकड़, महेंद्र राजपूत को दोषमुक्त किया गया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से 18 गवाह और 78 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए गए। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक फरीद मिर्जा ने पैरवी की।