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सीधा सवाल। भूपालसागर। करेड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ में माघ सूद तेरस, वर्ष 1977 को ध्वजारोहण समारोह आयोजित हुआ, जिसमें 49वीं ध्वजा चढ़ाई गई। इस अवसर पर गोडवाड़ के सरल स्वभावी पूज्य आचार्य रत्न सेन सूरीश्वर महाराज के नेतृत्व में प्रतिष्ठा का आयोजन हुआ। उन्होंने जैन मंदिर के मुख्य द्वार से प्रवेश कर मूलनायक पार्श्वनाथ के ध्वजा लाभार्थियों में दिलीप कुमार सोहनलाल सुंदेशा और प्रवीण कुमार हुकमी चंद राठौड़ का नाम लिया।
ध्वजारोहण का लाभ 52 देवरीयो के भगवानों पर भी लिया गया। इससे पूर्व गुरुदेव रत्न सेन सूरी महाराज का आकोला से विहार करके जैन मंदिर में मंगल प्रवेश हुआ, जिसमें बेंड बाजे के साथ धार्मिक ध्वनियां गूंज उठीं।
इस अवसर पर रत्नत्रयी भक्ति महोत्सव का संगीतमय कार्यक्रम भी बड़ी धूमधाम से संपन्न हुआ। धर्मसभा में जैनाचार्य रत्नसेन सूरी ने अपने प्रवचन में कहा कि गुरु के मार्गदर्शन से ही अज्ञान के अंधकार को दूर किया जा सकता है और सम्यग ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है।
साध्वी सौम्यरत्ना श्रीजी ने भी इस मौके पर भक्ति की महिमा का वर्णन करते हुए तीर्थ के महत्व को बताया। उन्होंने कहा कि इस तीर्थ में आने से मन को शांति मिलती है और यह स्थान चमत्कारी प्रभाव से युक्त है।
इस कार्यक्रम में स्थानीय ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष हेमंत कोठारी, सचिव अनीश कोठारी सहित अन्य गणमान्य व्यक्तित्व भी उपस्थित रहे। इसके अलावा, 14 फरवरी से 23 फरवरी तक मेवाड़ गौरव महोत्सव के तहत दुसरी भव्याति अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव की शुरुआत होने जा रही है, जो इस तीर्थ के महत्व को और भी बढ़ाएगा।