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जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रदेश में लॉकडाउन
के तीसरे चरण में दी गई रियायतों का अनुचित लाभ उठाकर कुछ लोग बेफिक्र होकर
बाहर निकल रहे हैं। उन्हें यह समझने की जरुरत है कि खतरा अभी टला नहीं है,
उल्टे हमें सावचेत रहकर बाहर से लौट रहे प्रवासियों से शारीरिक दूरी बनाए
रखते हुए ज्यादा सतर्कता रखनी है।
मुख्यमंत्री
गहलोत ने शुक्रवार को 3 ट्वीट कर प्रदेशवासियों से लॉकडाउन की पालना करने
की अपील की। उन्होंने लिखा कि कोरोनावायरस का खतरा अभी बना हुआ है। हम सभी
को सतर्क रहने के साथ-साथ लॉकडाउन के नियमों का पालन करना होगा। अब
जैसे-जैसे प्रवासी लौट रहे हैं, सभी को अधिक सतर्क रहना होगा। आने वाले
लोगों को अनिवार्य रूप से 14 दिनों तक एकांतवास (क्वारेंटाइन) में रहना
होगा। गहलोत ने लिखा कि मास्क पहनना, शारीरिक दूरी रखना, बिना किसी वैध
कारण के बाहर जाने से बचना जैसी कुछ सावधानियों का हमें लगातार पालन करना
है। बार-बार हाथ धोना है और सडक़ों पर थूकना नहीं है। राज्य सरकार आपके साथ
है। हर तरह से मदद करने की कोशिश कर रही है। आमजन की जान बचाने के लिए पूरी
कोशिश कर रही है। राजस्थान परीक्षण और रिकवरी के मामले में अन्य राज्यों
से आगे है। यह डॉक्टरों और अस्पताल के कर्मचारियों के समर्पण और लोगों के
समर्थन से मुमकिन हो पाया है। हम कोरोना को पूरी तरह से हराने के लिए आमजन
का सहयोग चाहते हैं।
एकजुट रहकर करें चुनौती का मुकाबला
मुख्यमंत्री
गहलोत ने राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ट्वीट कर प्रदेशवासियों
को आपसी मतभेद भुलाकर कोरोना की लड़ाई में एकजुट रहने का संदेश दिया।
उन्होंने लिखा कि राहुल गांधी ने एकता, सामूहिक प्रयास तथा कोरोना सरीखी
महामारी के बीच अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का संदेश दिया है। हम एकजुट
होकर खड़े रहे तो इस चुनौती को पार कर सकते हैं। यह जीवन बचाने और
अर्थव्यवस्था के पुर्ननिर्माण का समय है। हमें संकट के इस दौर में गरीबों
और जरूरतमंदों का समर्थन करना है। गहलोत ने लिखा कि हमें केवल यह याद रखना
है कि हम सभी भारतीय हैं। सभी लोगों को अपने मतभेदों को भूलकर भारतीयों के
रूप में अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने का काम करना है।