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सीधा सवाल।शिवगंज। शिवगंज-सुमेरपुर में पर्यावरण व गौरेया संरक्षण समर्पित टीम एक व्यक्ति एक पौधा मिशन पर्यावरण प्रेमी ओमप्रकाश कुमावत ने बताया कि विलुप्त गौरेया संरक्षण हेतु 1000 से ज्यादा परिंडे तैयार कर उन पर सजावटी रंग किया गया। टीम द्वारा किसी भी व्यक्ति को देने के बाद उसका एक ही कर्तव्य रहता उसमें नियमित पानी डाला जाये।पर्यावरण प्रेमी कुमावत ने कहा गर्मी का मौसम कोई भी पशु पक्षी पानी से ना मरे उसके लिए परिडें व गौरेया हाउस व वन्य जीवों के लिए जंगल में भी पानी की व्यवस्था की जा रही है। लॉक डाउन में पर्यावरण संरक्षण के लिए नियमित रूप से पूर्व में लगाये गये पौधा का संरक्षण निराई गुडाई की जा रही है।आमजन से अपील आप घरों में रहकर वेस्ट वस्तुओं का सदुपयोग कर गौरेया हाउस बना सकते हैं। विडियो के माध्यम से सरकारी कार्यालयों व विभागों में जाकर लोगों को विलुप्त गौरेया संरक्षण के लिए जागरूक किया।आसपास के गाँव के लोगों मिशन से प्रेरणा लेकर जुते से गौरेया हाऊस बनाकर फोटो भेज रहे ओर सेल्फी गौरेया प्रतियोगिता में भाग भी ले रहे हैं ।गौरेया पक्षी किसान का मित्र है अंतराष्ट्रीय प्रकृति संगठन ने उसे लाल श्रेणी में गौरेया पक्षी रखा है जो विलुप्त के कगार पर है। गांवो में जाकर स्थानीय भाषा चकला चकली से संबोधन कर गौरेया पक्षी के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य मिशन कर रहा है।मुख प्राणियों के लिए अलसुबह जंगलो में जाकर बंदर, गाय, श्वान, चीटियों के लिए खाद्य सामग्री भी वितरण की जाती है।सोशल मिडिया के जरिये 10000 से ज्यादा लोगों को पौधा रोपण के लिए प्रेरित कर चुके राजस्थान के अवाला गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, अन्य राज्य भी सम्मिलित हैं। एक व्यक्ति एक पौधा मिशन टीम वैश्विक कोरोना माहवारी में पर्यावरण संरक्षण व गौरेया संरक्षण जारी रखा, कोरोना योद्धाओं के रूप सरकारी कार्यालयों के अधिकारी व कर्मचारियों का स्वागत कर माला व फुल की जगह पर उन्हें गौरेया हाउस व परीडा भेट कर विलुप्त गौरेया संरक्षण का संकल्प भी दिलवाया।
इनका रहा विशेष सहयोग
एक पौधा मिशन टीम में करण कुमावत, राजेश कुमावत, पुरण कुमावत, गणेश मीणा, रमेश कुमावत, रविन्द्र सिंह, पोकरमल कुमावत, जितेंद्र कुमार, मुकेश माली, प्रमोद कुमार, अमृत कुमावत व मिवान मालवीय का सहयोग रहा।