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उदयपुर। एजेंसी। कुछ दिन पहले नेता प्रतिपक्ष और उदयपुर शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया ने जिले के जनजाति बहुल क्षेत्र झाड़ोल जाकर एक जमीन की रजिस्ट्री करवाई। यह मामला अब तूल पकडऩे लगा है। पहले तो कांग्रेस से पूर्व सांसद व वर्तमान में सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर मीणा ने कोरोना महामारी से बचाव की एडवाइजरी को तोडऩे का आरोप लगाया और कटारिया व उनके साथ जाने वालों को एकांतवास में भेजने की जरूरत बताई। उन्होंने सीधा-सीधा आरोप लगाया कि इस वक्त जब सरकारी कार्यालय बंद हैं, तब रजिस्ट्री कराने की कौन सी जरूरत आन पड़ी। मीणा के इस आरोप पर भाजपा का कोई ठोस बयान सामने नहीं आया था। लेकिन, रविवार को रघुवीर मीणा ने एक मीडिया चैनल को बयान दिया जिसमें कटारिया के विरुद्ध कथित रुप से अभद्र भाषा का प्रयोग करते कहा कि कटारिया ने धौंस दिखाते हुए रजिस्ट्री कार्यालय खुलवाया और रजिस्ट्री करवाई। मीणा ने कटारिया को उदयपुर में भूमाफियाओं को संरक्षण देने का भी आरोप मढ़ा। मीणा ने रविवार को अपने बयान में साफ-साफ पूछा कि कटारिया आखिर खुलासा क्यों नहीं कर रहे हैं कि इस कोरोना संकट के समय रजिस्ट्री कराने की जरूरत क्यों आन पड़ी। बस, यहीं से भाजपा ने अभद्र भाषा को पकड़ा और उदयपुर शहर की भाजपा और भाजयुमो ने प्रेस-मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक बयानों की झड़ी लगा दी कि मीणा ने कटारिया के खिलाफ अशिष्ट भाषा का प्रयोग किया है। भाजपा ही नहीं, भाजपा महिला मोर्चा ने भी मीणा के शब्द पर आपत्ति जताते हुए उनसे सवाल पूछा है कि लॉकडाउन अवधि में कांग्रेस कार्यकर्ता कितने सेवा कार्यों में नजर आए। हालांकि, इस पूरे बवाल में अब तक कटारिया की ओर से अधिकृत रूप से यह खुलासा नहीं किया गया है कि इस कोरोना काल में झाड़ोल जाकर रजिस्ट्री कराने की जरूरत क्यों आन पड़ी।