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प्रवर्तन अधिकारी की रिपोर्ट पर मामले में जांच शुरू
सीधा सवाल। निंबाहेड़ा। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लाभार्थियों को वितरित किए जाने वाले गेहूं की कालाबाजारी के मामले में रसद विभाग द्वारा कार्यवाही के लिए पुलिस में रिपोर्ट पेश की गई है जिस पर मामले में जांच की जा रही है। प्रवर्तन अधिकारी हितेश जोशी द्वारा इस मामले में भौतिक सत्यापन में 300.44 किलोग्राम गेहूं डीलर के पास कम पाया जाने की शिकायत दर्ज कराई गई है, जिस पर पुलिस ने मामला पंजीकृत करते हुए राशन डीलर अमीरउल्ला खान, उसके चाचा रियाज खान और अनाज व्यापारी उदयलाल सुराणा के विरुद्ध दर्ज मामले के आधार पर जांच शुरू कर दी है। ग्रामीणों की सजगता से कालाबाजारी के मामले में पर्दाफाश होने के बाद विभाग द्वारा रिपोर्ट 14 मई को दर्ज कराई गई थी। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद से ही इस बात की संभावना प्रबल हो गई है कि कालाबाजारी से जुड़े इस मामले में गरीबों के हक के राशन पर अवैध तरीके से विक्रय कर लाखों के वारे न्यारे करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हो सकता है। गौरतलब है कि पहले भी भारी मात्रा मे राशन गरीबों के पास पहुंचने के बजाय बड़े व्यापारियों के गोदामों में पहुंच रहा था जिस पर जिले में बड़ी कार्यवाही की गई, तत्कालीन पुलिस अधीक्षक प्रसन्न कुमार खमेसरा के नेतृत्व में निंबाहेड़ा, चित्तौड़गढ़, गंगरार आदि क्षेत्रों में भारी मात्रा में सरकारी राशन का गेहूं निजी गोदामों से जप्त किया गया था और सप्लाई ठेकेदारों व कई नामचीन लोगों की इस मामले में भूमिका सामने आई थी। अब एक बार फिर सरकारी राशन की कालाबाजारी का मामला सामने आया है जिस पर पुलिस जांच की जा रही है।
सामने आ सकते हैं कालाबाजारी के खेल के खिलाड़ी!
मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद इस बात की संभावना बढ़ गई है कि काला बाजारी के खेल से जुड़े कई खिलाड़ी इस खेल में बेनकाब हो सकते हैं। पूर्व में जिस तरह लगातार एक के बाद एक मामले सामने आए और भारी मात्रा में गरीबों के हक का गेहूं निजी गोदामों से बरामद किया गया था। ऐसे में इस मामले में भी कड़ी से कड़ी जोड़ने पर पुलिस जिले में चल रहे कालाबाजारी के खेल का पर्दाफाश कर गरीबों के हक पर डाका डालने वाले बड़े खिलाड़ियों का पर्दाफाश कर सकती है। सूत्रों की माने तो कालाबाजारी का खेल लंबे समय से बदस्तूर जारी है जिसमें वक्त के साथ छोटे प्यादे बदल जाते हैं लेकिन बड़े खिलाड़ी वहीं रहते हैं इस पूरे खेल में सरकारी नुमाइंदे भी शामिल है जो आकड़ों का मकड़जाल बुनकर बड़े खिलाड़ियों को बचाने की कवायद करते हैं और इसके एवज में सबका कमीशन तय होता है, लंबे समय से राशन डीलर नहीं बदले जाने के पीछे भी एक बड़ा कारण है कि विभाग के नुमाइंदे इस खेल को शह देते हैं। इक्का-दुक्का मामलों में कार्रवाई की जाती है तो परिवार के अन्य सदस्यों अथवा रिश्तेदारों के नाम पर नए प्राधिकार पत्र का आवंटन हो जाता है ऐसे में केवल कागजों में नाम बदल जाते हैं और हालात वही रहते हैं। पूर्व में हुई बड़ी कार्यवाहीयो के चलते यह बात साफ हो चुकी है कि राशन की कालाबाजारी कर लाखों के वारे न्यारे करने के पीछे बड़ा गिरोह सक्रिय है जिसमें कई सफेदपोश भी शामिल है।
ग्रामीणों की सजगता से हुई कार्रवाई
निंबाहेड़ा उपखंड की सतखंडा ग्राम पंचायत में ग्रामीणों की सजगता के चलते यह कार्रवाई हूई, ग्रामीणों की माने तो राशन डीलर द्वारा समय पर राशन नहीं वितरण किए जाने कि शिकायतों पर उन्होंने निगरानी करना शुरू किया था और उसके बाद गोदाम में गेहूं ले जाते राशन डीलर अमीरउल्ला खान पर निगरानी रखना शुरू किया और उसके चाचा को एफसीआई के कट्टों में भरा गेहूं निजी व्यापारी के गोदाम में दरवाजा अंदर से बंद कर तौल करते रंगे हाथों पकड़ लिया, उसके बाद अधिकारी को सूचना दी गई। लगभग 2 घंटे के इंतजार के बाद रसद विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और कार्रवाई शुरू की गई। पूरी कार्रवाई के दौरान सरकारी वितरण प्रणाली का 300.44 किलोग्राम गेहूं डीलर के पास कम पाया गया, वही मौके पर एफसीआई के 41 कट्टो में भरा 20 क्विंटल गेहूं बरामद किया गया, जिसके आधार पर सदर थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
- राशन डीलर के विरुद्ध कालाबाजारी की शिकायत पर टीम भेजी गई थी, पुलिस में प्रकरण दर्ज कराया गया है। गेहूं के मामले में नोटिस देकर डीलर से जवाब मांगा गया है।
बीजल सुराणा, जिला रसद अधिकारी चित्तौड़गढ़