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छोटीसादड़ी। चितौड़गढ़ डेयरी में आयोजित बैठक में प्रतापगढ क्षेत्र के संचालक मंडल के सदस्यों को समय पर सूचना नहीं देने व प्रबंधक संचालक द्वारा दूरभाष पर सम्पर्क नही करने पर प्रतापगढ जिले के दुग्ध उत्पादकों व समिति अध्यक्षों, सचिवों और संचालक मंडल के सदस्यों में रोष व्याप्त हो गया। साथ ही जिले के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए बोर्ड बैठक का बहिष्कार किया। डेरी संघ के संचालक मंडल सदस्य भरत आंजना ने बताया कि चित्तौड़गढ़ डेयरी में 7 जुलाई को आहूत की गई बोर्ड की बैठक भेदभाव पूर्ण व एक तरफा करने की सोच को लेकर प्रतापगढ़ क्षेत्र के संचालक मंडल के सदस्यों को समय पर इसकी सूचना नहीं पहुंचाई गई। साथ ही प्रबंधक संचालक ने दूरभाष से संपर्क करना तक उचित नही समझा। इससे दुग्ध उत्पादको में गहरा असंतोष व्यापत हो गया। जिससे समिति अध्यक्षों, सचिवों और संचालक मंडल के सदस्यों में भारी रोष है। इसके चलते बोर्ड बैठक का बहिष्कार करने का निर्णय लिया।साथ ही आंजना ने कहा कि यदि प्रतापगढ़ जिले के साथ हो रहा भेदभाव अगर बंद नहीं हुआ तो यह विरोध आगे भी जारी रहेगा।
उप नियमों के अनुसार किसी भी बोर्ड बैठक करने की दिनांक से 15 दिन पहले सभी संचालक मंडल सदस्यों के पास एजेंडा व बैठक की सूचना पहुँचना अनिवार्य होता है।जो प्रतापगढ़ क्षेत्र के संचालक मंडल सदस्यों को नहीं मिली। प्रतापगढ़ क्षेत्र के सचिवो, किसानों की मांग को दरकिनार करते हुए लगातार ऐसे एसएनएफ बढ़ाई जा रही जिससे किसानों का शोषण हो रहा है। भरत आंजना ने आरोप लगाया कि कई बार बोर्ड बैठक में लिए गए निर्णय को बाद में बदल कर बैठक की प्रोसिडिंग में मन मर्जी से लिख दिए जाते हैं।