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छोटीसादड़ी। हर संकट, दुविधा परिस्थितियों में हमारी आस्था अक्षुण्ण रही है। कोरोना संक्रमण जैसी बाधाओं के उपरांत भी पूजा, अर्चना, अरदास, प्रार्थना, यज्ञ आदि एकांतवास और बिना किसी प्रदर्शन दिखावे के लगातार जारी है। यही कारण है कि कोरोना संक्रमण का काला साया हमारी धार्मिक आस्था पर भारी पड़ रहा है। श्रावण मास में शिवालय पर श्रद्धालुओं की भीड़ कम है। वही, बड़े-बड़े देवालयों के कपाट बंद होने के बावजूद घरों में शिव आराधना जारी है।मंदिरों में भी पुजारियों की ओर से श्रृंगार, आरती, अभिषेक नियमित रूप से जारी है।जैन चातुर्मास स्थलों पर श्रावकों की भीड़ भले ही ना हो लेकिन श्रावक घरों में जप तप आराधना निरंतर जारी रखे हुए है। खुदा की इबादत भी नियमित रूप से नमाज के रूप में घरों में ही पढ़ी जा रही है।
भंवरमाता में नही आयोजित हुआ मेला
कोरोना महामारी के कारण यहां मेले पर कोरोना संक्रमण का साया मंडरा रहा है।जिसके चलते प्रशासन ने पहले ही सभी आयोजन निरस्त कर दिए। जिसके चलते हरियाली अमावस्या पर प्रतिवर्ष ट्रस्ट द्वारा आयोजित धार्मिक मेला जिसमे मेवाड़-मालवा व कांठल क्षेत्र सहित देश के कोने कोने से श्रद्धालु यहां पहुंचते है। लेकिन महामारी के चलते निरस्त हुए मेले से प्रकृति प्रेमी ओर श्रद्धालुओं को निराश होने पड़ा।वही, गंगेश्वर महादेव मंदिर व बुलबुला महादेव मंदिर पर भी कोरोना का साया दिखाई दिया जिसके चलते श्रद्धालु पहले के मुकाबले नगण्य दिखाई दिए। फिर भी श्रद्धालुओं में उम्मीद है आस्था जीतेगी और कोरोना हारेगा क्योंकि ईश्वर दिलों में बसते हैं।