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छोटीसादड़ी। न्यू पेंशन स्कीम एंप्लॉय फेडरेशन ऑफ राजस्थान की ओर से चलाए जा रहे प्रांत व्यापी जन जागरण अभियान के तहत यहां भी एनपीएस की ब्लॉक अध्यक्ष मैमूना खान के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी विनोद मल्होत्रा को ज्ञापन देकर 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त राजस्थान राज्य के सरकारी कर्मचारियों पर राजस्थान सिविल सर्विसेज कंट्रीब्यूटरी पेंशन रूल्स 2005 के जगह राजस्थान सिविल सर्विस पेंशन रूल्स 1996 लागू करने की मांग की है। ज्ञापन में बताया कि कॉविड 19 फंड के लिए मुख्यमंत्री,मंत्री,विधायक,अखिल भारतीय राज्य सेवा के अधिकारी तथा अन्य राज्य कर्मचारियों के वेतन कटौती किए जाने के लिए कैबिनेट के निर्णय पर उदारता पूर्वक पुनर्विचार कर वेतन कटौती निरस्त की जाए।क्योंकि 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त राजस्थान राज्य के 5 लाख सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों पर राजस्थान सिविल सर्विस कंट्रीब्यूटरी पेंशन रूल्स 2005 के स्थान पर राजस्थान सिविल सर्विस पेंशन रूल्स 1996 लागू किए जाने पर राज्य सरकार को प्रतिमाह लगभग 500 करोड़ मासिक अर्थात 6 हजार करोड रुपए वार्षिक राजकोषीय बचत लाभ होगा।जो राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष की वर्ष 2019 की बैलेंस शीट के दो सो दस करोड़ तेंतीस लाख सत्रह हजार एक सौ सत्तावन रुपए सात पैसे वार्षिक से कई गुना ज्यादा है। इस प्रकार राज्य में एनपीएस म्यूचल फंड स्कीम रद्द कर पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने से न केवल राज्य कोषीय खर्चे में 6 हजार करोड़ रुपये वार्षिक से अधिक भार में कमी होगी। बल्कि सरकारी कार्मिकों के बुढ़ापे की लाठी पुरानी पेंशन योजना लागू करने से कार्मिकों को सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा भी प्राप्त होगी। साथ ही एनपीएस के कारण राज्य सरकार के प्रति कार्मिकों में असंतोष व्याप्त है। इससे असंतोष भी दूर हो जाएगा।इस दौरान प्रबोधक संघ के जिला अध्यक्ष मोहनलाल मीणा,संतोष निनामा,संजीव कटारा,सीता अहीर, शांता रजनी, राजेश वर्मा, विकास सिद, सुनीता परिहार,देवेंद्र डामोर,वजेराम मीणा,हीरा लाल मीणा,अरुण कुमार,सरोज मेघवंशी,नरेश प्रजापत,टीकाराम और अरविंद शर्मा मौजूद रहे।