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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जिले के गंगरार उपखंड क्षेत्र में स्थित मेवाड़ यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टल में कश्मीरी छात्रा आफरीन फिरदोस के आत्महत्या करने के मामले में यूनिवर्सिटी फिर से चर्चा में आ गई है। वहीं दूसरी तरफ परिजनों की मांग पर छात्रा के शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया है। पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया। परिजनों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। जानकारी में सामने आया कि मेवाड़ यूनिवर्सिटी के छात्रावास में कश्मीरी छात्रा आफरीन फिरदोस ने फांसी का फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली थी। जानकारी मिली तो गंगरार पुलिस ने मौका देखा और शव को जिला चिकित्सालय में रखवा कर परिजनों को सूचना दी थी। शनिवार रात को छात्रा आफरीन फिरदोस के परिजन चित्तौड़गढ़ पहुंचे। इस मामले में परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है। साथ ही यूनिवर्सिटी प्रशासन पर भी उन्होंने लापरवाही बरतने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों ने बताया कि आफरीन फिरदोस ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से यूनिवर्सिटी में ही अध्ययनरत कश्मीरी छात्र मुंताह द्वारा लगातार परेशान किए जाने की शिकायत भी दर्ज कराई थी। लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते उसका हौसला बुलंद होता गया। इसका परिणाम यह हुआ कि आफरीन को आत्महत्या करनी पड़ी। परिजनों ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं यह पहला मामला नहीं है कि यह यूनिवर्सिटी चर्चा में नहीं आई हो। पहले भी यूनिवर्सिटी चर्चा में आ चुकी है। करीब एक माह पूर्व भी एक कश्मीरी छात्र ने आत्महत्या कर ली थी। इधर, छात्रा की मौत के मामले में जानकारी में सामने आया है कि यूनिवर्सिटी के हॉस्टल परिसर में सीसी टीवी कैमरा भी नहीं लगे हुए हैं , जिसके कारण कहीं ना कहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन की मंशा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। गौरतलब है कि उत्तराखंड में वर्ष 2016 ने यूनिवर्सिटी चेयरमेन के खिलाफ दर्ज प्रकरण हो या कश्मीरी छात्रों से जुड़े विवाद, कहीं ना कहीं लगातार चर्चा में रही है। समय-समय पर विवादों के चलते यूनिवर्सिटी का नाम मीडिया में सामने आता रहा है।