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देश-दुनिया के इतिहास में 03 जनवरी तमाम अहम वजह से दर्ज है। देश की पहली महिला शिक्षक और समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले की वजह से भारत की महिलाओं के लिए यह तारीख यादगार है। इसी तारीख को 1831 में सावित्रीबाई फुले का जन्म महाराष्ट्र के सतारा के नायगांव में एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने में अहम भूमिका निभाई और भारत में महिला शिक्षा की अगुआ बनीं। सावित्रीबाई फुले को भारत की पहली आधुनिक नारीवादियों में से एक माना जाता है। 1840 में महज नौ साल की उम्र में सावित्रीबाई का विवाह 13 साल के ज्योतिराव फुले से हुआ था। उन्होंने बाल विवाह और सती प्रथा जैसी बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाई।
अपने पति ज्योतिराव के साथ मिलकर उन्होंने महिला शिक्षा पर जोर दिया। देश में लड़कियों के लिए पहला स्कूल साावित्रीबाई और उनके पति ज्योतिराव ने 1848 में पुणे में खोला था। इसके बाद सावित्रीबाई और उनके पति ज्योतिराव ने मिलकर लड़कियों के लिए 17 और स्कूल खोले। सावित्रीबाई न केवल महिलाओं के अधिकारों के लिए ही काम नहीं किया, बल्कि वह समाज में व्याप्त जाति प्रथा के खिलाफ भी लड़ीं। जाति प्रथा को खत्म करने के अपने जुनून के तहत उन्होंने अछूतों के लिए अपने घर में एक कुआं बनवाया। सावित्रीबाई न केवल एक समाज सुधारक थीं, बल्कि वह एक दार्शनिक और कवयित्री भी थीं। उनकी कविताएं अधिकतर प्रकृति, शिक्षा और जाति प्रथा को खत्म करने पर केंद्रित होती थीं। दुष्कर्म पीड़ित गर्भवती किशोरियों की दयनीय स्थिति को देखते हुए उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर 'बालहत्या प्रतिबंधक गृह' नाम से एक देखभाल केंद्र खोला। विधवाओं के दुखों को कम करने के लिए उन्होंने नाइयों के खिलाफ हड़ताल का नेतृत्व किया, ताकि वे विधवाओं का मुंडन न कर सकें, जो उस समय की एक प्रथा थी।
बच्चों को पढ़ाई करने और स्कूल छोड़ने से रोकने के लिए उन्होंने एक अनोखा प्रयास किया। वह बच्चों को स्कूल जाने के लिए वजीफा देती थीं। ऐसे वक्त में जब देश में जाति प्रथा अपने चरम पर थीं, तो उन्होंने अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा दिया। उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर 'सत्यशोधक समाज' की स्थापना की, जो बिना पुजारी और दहेज के विवाह आयोजित करता था। 1897 में पुणे में प्लेग फैला। इसी महामारी की वजह से 66 वर्ष की उम्र में सावित्रीबाई फुले का 10 मार्च 1897 को पुणे में निधन हो गया।
और इसी तारीख को मुसोलिनी ने 1925 में खुद को इटली का तानाशाह घोषित किया था। मुसोलिनी इटली की नेशनल फासिस्ट पार्टी का नेता था। वह 1922 से लेकर 1943 तक लगातार 21 सालों तक इटली के प्रधानमंत्री पद पर रहा। मुसोलिनी ने अपने कार्यकाल के शुरुआती वर्षों में लोकतंत्र की इज्जत करते हुए शांतिपूर्वक शासन किया। उस वक्त उसे जनता का पूरा समर्थन हासिल था, लेकिन जैसे ही मुसोलिनी ने तानाशाही शुरू की, जनता का जीवन मुश्किल होना शुरू हो गया और धीरे-धीरे इटली की जनता उसके खिलाफ हो गई।
मुसोलिनी और जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर की दोस्ती इतिहास में प्रसिद्ध है। इसकी बानगी दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान भी देखे को मिली, जब उस युद्ध में मुसोलिनी ने हिटलर का साथ दिया। इसी वजह से 25 जुलाई, 1943 को इटली के राजा ने मुसोलिनी की सरकार को बर्खास्त कर दिया था। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 1945 में जब जर्मनी की हार तय हो गई तो मुसोलिनी ने स्विट्जरलैंड भागने की कोशिश की, लेकिन उसे, उसके कुछ साथियों और प्रेमिका क्लारेटा पेटाची के साथ पकड़ लिया गया। 28 अप्रैल 1945 को मुसोलिनी और उसकी प्रेमिका को गोली मार दी गई। गोली मारने के बाद उनके शव को उल्टा लटका दिया गया। कहा जाता है इटली की जनता मुसोलिनी से इस कदर तंग आ चुकी थी कि उसकी और उसकी प्रेमिका की लाश पर लोगों ने थूका। लात-घूंसे मारे। दोनों के शव पर चढ़कर कूदे। पूरे दिन उनके शव मिलान में पड़े रहे। अगले दिन उन्हें किसी गुमनाम जगह दफना दिया गया।
महत्वपूर्ण घटनाचक्र
1621ः महान वैज्ञानिक गैलिलियों ने दूरबीन की खोज की।
1833ः ब्रिटेन ने दक्षिण अटलांटिक के फॉकलैंड द्वीप पर कब्जा किया।
1880ः इलस्ट्रेटिड वीकली ऑफ इंडिया का पहला अंक बाजार में आया।
1894ः रवीन्द्र नाथ टैगोर ने शांति निकेतन में पौष मेले का उद्घाटन किया।
1901ः शांति निकेतन में ब्रह्मचर्य आश्रम खुला।
1911ः अमेरिका में डाक बचत बैंक का उद्घाटन।
1920ः अलीगढ़ का एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में रूपांतरित।
1920ः तुर्की और आर्मिनिया के बीच शांति संधि।
1929ः महात्मा गांधी की लॉर्ड इरविन से मुलाकात।
1930ः बेल्जियम में जहरीली गैस का रिसाव। 60 लोग मरे।
1938- अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डी रूजवेल्ट ने पोलियो की बीमारी का इलाज ढूंढने के लिए फाउंडेशन की स्थापना कीय़ रूजवेल्ट 1921 में इस बीमारी की चपेट में आए थे।
1943ः दूरदर्शन पर पहली बार गुमशुदा लोगों के बारे में सूचना का प्रसारण।
1948ः चीन के शरणार्थी जहाज में विस्फोट। 1100 लोगों की मौत।
1954ः अफ्रीकी देश अल्जीरिया में भूकंप। 1400 लोगों की मौत।
1956ः फ्रांस के एफिल टॉवर के ऊपरी हिस्से में आग लगने से काफी नुकसान।
1957ः अमेरिका के पेनसिल्वेनिया में पहली बार बिजली घड़ी प्रदर्शित की गई।
1959ः अलास्का को अमेरिका का 49वां राज्य घोषित किया गया।
1962ः अफ्रीकी देश युगांडा गणतंत्र बना।
1968ः भारत के पहले मौसम विज्ञान राकेट ‘मेनका’ का प्रक्षेपण।
1974ः बर्मा (अब म्यांमार) ने संविधान को अंगीकार किया।
1977: स्टीव जॉब्स और स्टीव वोज्नियाक ने एपल की स्थापना की।
1993ः अमेरिका और रूस अपने-अपने परमाणु हथियारों के भंडार को आधा करने पर राजी।
1997ः इटली के अभिनेता एवं लेखक डारियो फो को साहित्य का नोबल पुरस्कार दिया गया।
2001- हिलेरी क्लिंटन ने न्यूयार्क के सीनेटर के तौर पर शपथ ग्रहण की।
2004ः 12वें सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी इस्लामाबाद पहुंचे।
2004- मिस्र की विमानन कंपनी फ्लैश एयरलाइंस का बोइंग 737 विमान 604 दुर्घटनाग्रस्त। सभी 148 लोग मारे गए।
2006ः गूगल ने यू-ट्यूब के अधिग्रहण की घोषणा की।
2014ः अल कायदा के चरमपंथियों ने इराक के फालुजा में पुलिस मुख्यालय को नुकसान पहुंचाया और इलाके को स्वतंत्र क्षेत्र होने का ऐलान किया।
2015ः नाइजीरिया के पूर्वोत्तर शहर बागा में आतंकवादी संगठन बोको हराम के हमले में लगभग 2000 लोगों की मौत।
जन्म
1836ः एशिया की सबसे पुरानी प्रिंटिंग प्रेस के संस्थापक मुंशी नवल किशोर।
1882ः प्रख्यात कलाकार नंदलाल बोस।
1889ः मशहूर स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस।
1903ः हॉकी के प्रसिद्ध खिलाड़ी जयपाल सिंह मुंडा।
1915ः प्रसिद्ध फिल्म निर्माता-निर्देशक चेतन आनंद।
1927ः ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री जानकी बल्लभ पटनायक।
1938ः प्रसिद्ध भारतीय राजनेता जसवंत सिंह।
1941ः अभिनेता संजय खान।
1981ः भारतीय पार्श्वगायक नरेश अय्यर।
निधन
1871ः केरल के सीरियन कैथॉलिक संत कुरिआकोसी इलिआस चावारा।
1972ः प्रख्यात नाटककार और लेखक मोहन राकेश।
1979ः विद्वान शोधकर्मी समीक्षक परशुराम चतुर्वेदी।
2002ः भारत के प्रसिद्ध रॉकेट वैज्ञानिक सतीश धवन।
दिवस
सावित्रीबाई फुले जयंती