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देश-दुनिया के इतिहास में 10 अप्रैल की तारीख तमाम वजह से दर्ज है। टाइटैनिक जहाज का भी इस तारीख से गहरा नाता है। यह बदकिस्मत जहाज 10 अप्रैल, 1912 को ही ब्रिटेन के साउथेम्पटन बंदरगाह से अपनी पहली और अंतिम यात्रा पर रवाना हुआ था। न्यूयॉर्क के सफर पर निकला यह जहाज 14 अप्रैल 1912 को उत्तर अटलांटिक महासागर में एक हिमखंड से टकराकर दो टुकड़ों में बंट गया। हादसे में 1500 से ज्यादा लोग मारे गए। ये शांतिकाल का सबसे बड़ा समुद्री हादसा है।
टाइटैनिक को 20वीं सदी की शुरुआत में इंग्लैंड की जहाज बनाने वाली कंपनी व्हाइट स्टार लाइन ने बनाया था। इसे बनाने का काम 1909 में शुरू हुआ था और 1912 में इसे पूरा कर लिया गया। दो अप्रैल 1912 को इसका समुद्री परीक्षण हुआ था। इसके बाद की अभागी कहानी सुनकर दिल दहल जाते हैं।
इस हादसे को लेकर तमाम सवाल उठते रहे हैं। कहा जाता है कि जहाज के कैप्टन स्मिथ ने हिमखंड होने की चेतावनी को नजरअंदाज किया और गति कम नहीं की। यह भी कहा जाता है कि हादसे के बाद कई लाइफबोट आधी खाली ही भेज दी गईं, जो बाकी यात्रियों को लेने वापस नहीं लौटी। कहा यह भी जाता है कि जहाज में तीन दिन से आग लगी थी। इसकी जानकारी जहाज के कैप्टन और जहाज के कुछ सदस्यों को थी। फिर भी यह बात छुपाई गई। समय के साथ-साथ लोग इस हादसे को भूल गए पर 1997 में आई फिल्म टाइटैनिक ने इसकी याद ताजा कर दी। जेम्स कैमरन की यह शानदार फिल्म है। विशाल जहाज के डैक पर बांहें फैलाए खड़े लियोनार्डो डी कैप्रियो और केट विंस्लेट, नीले हीरे वाली माला और पानी का रौद्र रूप दर्शकों को भीतर तक हिला देता है।
इसके अलावा 1917 में 10 अप्रैल को महात्मा गांधी बिहार के चंपारण जिले में सत्याग्रह के लिए पहुंचे थे। यहां किसानों से अंग्रेज जबरदस्ती नील की खेती करवाते थे। किसानों को उनके खेत के 20 में से तीन हिस्सों में नील की खेती करने के लिए मजबूर किया जा रहा था। गांधी जी को चंपारण पहुंचते ही अशांति पैदा करने के आरोप में पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
ये खबर जैसे ही यहां के किसानों को लगी तो उन्होंने पुलिस स्टेशन सहित कोर्ट के बाहर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस सत्याग्रह का नतीजा ये रहा कि अंग्रेज सरकार को चंपारण कृषि विधेयक बनाना पड़ा। इसके बाद यहां 135 सालों से चली आ रही नील की खेती धीरे-धीरे बंद हो गई।
महत्वपूर्ण घटनाचक्र
1633: लंदन में पहली बार केले की बिक्री शुरू।
1710: ब्रिटेन में दुनिया का पहला कॉपीराइट एक्ट लागू।
1849: अमेरिका में वाल्टर हंट ने सेफ्टी पिन का पेटेंट लिया। बाद में उन्होंने इसे महज 400 डॉलर में बेच दिया।
1875: स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की।
1916: पहले गोल्फ टूर्नामेंट का प्रोफेशनल तरीके से आयोजन।
1930: पहली बार सिंथेटिक रबर का उत्पादन।
1953: पहली कलर्ड थ्रीडी मूवी हाउस ऑफ वैक्स न्यूयॉर्क में रिलीज।
1972: ईरान में भूकंप से करीब पांच हजार लोगों की मौत।
1972: जैविक हथियार संधि पर 150 से ज्यादा देशों ने हस्ताक्षर किए।
1973: पाकिस्तान ने संविधान में संशोधन कर जुल्फिकार अली भुट्टो को राष्ट्रपति के स्थान पर प्रधानमंत्री बनाया।
1982: भारत के बहुउद्देशीय उपग्रह इनसेट-1 ए का सफल प्रक्षेपण।
1988: पाकिस्तान में सेना के शस्त्र भंडार में आग लगी। कम से कम 90 लोगों की मौत। एक हजार से ज्यादा घायल।
2001: नीदरलैंड ने एक विधेयक को मंजूरी देकर इच्छा मृत्यु को मंजूरी दी। वह ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बना।
2002: पंद्रह साल में पहली बार लिट्टे प्रमुख वी. प्रभाकरन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया।
2008: भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्रीय शिक्षण संस्थानों और केंद्र सरकार से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में अन्य पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण को संवैधानिक मंजूरी दी।
2010: पोलैंड के राष्ट्रपति लेख काजिस्की और उनकी पत्नी मारिया की विमान दुर्घटना में मौत।
2019: खगोलविदों ने पहली बार किसी ब्लैक होल की फोटो जारी की। यह विशाल आकाश गंगा एम87 के केंद्र में है।
जन्म
1847ः पुलित्जर अवार्ड के प्रणेता अमेरिकी पत्रकार जोसेफ पुलित्जर।
1894: भारतीय उद्योगपति घनश्यामदास बिड़ला का जन्म।
1928ः परमवीर मेजर धनसिंह थापा।
1932ः हिंदुस्तानी संगीत की विख्यात गायिका किशोरी आमोनकर।
1941ः भारतीय राजनीतिज्ञ मणिशंकर अय्यर।
निधन
1931: प्रख्यात लेखक खलील जिब्रान।
1995: पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई।