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सीधा सवाल। चितौड़गढ़। जिला मुख्यालय पर स्थित महिला एवं बाल चिकित्सालय में एक नवजात बालक का परित्याग हुआ है। बालक पूरी तरह से सुरक्षित है। सूचना मिलने पर बाल कल्याण समिति की टीम भी चिकित्सालय पहुंची है। यहां नवजात बालक को बाल कल्याण समिति को सौंपा है, जिसे अब शिशुघर में रखा जाएगा और समिति इसे संरक्षण देगी।
जानकारी में सामने आया कि चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर स्थित महिला एवं बाल चिकित्सालय के पालनाघर की दो दिन पूर्व घंटी बजी थी। रात को करीब 8.20 पर पालनाघर की घंटी बजी थी। इस पर ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स हेमलता और फरजाना मौके पर पहुंची। यहां देखा तो एक नवजात बालक को कोई रख कर गया था। इसे अंदर लिया और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ जयसिंह मीणा को सूचना दी गई। इस पर चिकित्सक रात को चिकित्सालय पहुंचे और बालक के स्वास्थ्य की जांच की। यह बालक तीन दिन का नवजात था और पूरी तरह स्वस्थ्य था। चिकित्सक डॉ जयसिंह मीणा ने बताया कि बालक पूरे 9 माह का था। स्वस्थ्य बालक की तरह इसका वजन 2 किलो 540 ग्राम है। बालक को महिला एवं बाल चिकित्सालय के एसएनसीयू में भर्ती कर लिया। करीब 24 घंटे तक इसके स्वास्थ्य पर नजर रखी गई लेकिन इसे कोई प्रॉब्लम नहीं हुई। इस पर मंगलवार को बाल कल्याण समिति को सूचना दी। इस पर बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष प्रियंका पालीवाल, सदस्य शिव दयाल सिंह लखावत, ओमप्रकाश लक्षकार, नीता लोट सदस्य, मेडिकल स्टाफ मंजू चौधरी महिला एवं बाल चिकित्सालय पहुंचे। यहां बालक को डिस्चार्ज कर दिया गया। अब बालक को बाल कल्याण समिति संरक्षण देगी। इस संबंध में बाल कल्याण समिति की प्रियंका पालीवाल ने बताया कि चिकित्सालय से बालक के परित्याग की सूचना मिली थी। इस पर बालक के बारे में जानकारी ली है। यह अच्छी बात है कि बालक का सुरक्षित परित्याग हुआ है। लोग कई बार झाड़ियों में और रोड़ी में बच्चों को फेंक जाते है। लोग बच्चों को नहीं पालना चाहते तो सुरक्षित परित्याग करें। इस बालक को बाल कल्याण समिति संरक्षण दिया है।