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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। केंद्र सरकार की और से बनाए गए नए कानून के विरोध में वाहन चालक हड़ताल पर रहे। घने कोहरे के बीच हड़ताल का व्यापक असर दिखाई दिया। निजी और सरकारी बसें पूरी तरह से बंद दिखाई दी। साधन के अभाव में वाहन चालकों को भटकते हुवे देखा गया। सबसे बड़ी परेशानी सांवलिया में देखने को मिली, जिसमें नववर्ष पर उमड़ी भारी भीड़ में वाहन बंद रहे। इससे लोगों को सात किलोमीटर का सफर तक पैदल करना पड़ा।
जानकारी में सामने आया कि केंद्र सरकार की और से नया दुर्घटन कानून बनाया गया है। इस कानून में वाहन चालकों के खिलाफ कड़े कानून बनाए हैं जिसमें बड़े जुर्माने के साथ ही सजा का भी प्रावधान रखा है। इससे वाहन चालकों में खासा आक्रोश दिखाई दिया है। पूरे देश में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन का आव्हान किया गया। इसी के चलते सोमवार को जिला मुख्यालय और ग्रामीण क्षेत्रों में निजी बस चालकों, ऑटो चालकों ने हड़ताल कर दी। इतना ही नहीं रोडवेज बसों को भी रुकवा दिया गया। जिला मुख्यालय पर कई वाहन चालक एकत्रित होकर जिला कलक्टर चौराहा पर पहुंचे और प्रदर्शन किया। शहर में ऑटो और निजी बसों के चक्के जाम है। यहां तक की गांवों में यही स्थिति देखने को मिली और आवागमन के लिए लोग भटकते दिखे। निजी वाहन बंद होने से आमजन को भटकते हुवे देखा गया। इधर, सांवलियाजी मंदिर में नववर्ष पर लाखों की भीड़ जुटी है। वहीं ऑटो और निजी बस बंद हो जाने से लोग काफी परेशान हो रहे हैं। सांवलियाजी से भादसोड़ा चौराहा का सात किलोमीटर का सफर तक पैदल तय करना पड़ा है।