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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की टीम ने चित्तौड़गढ़ जिले के डूंगला क्षेत्र में स्थित पालोद गांव में दबिश दी है। यहां से सीपीएस पद्धति के खेत में चीरा लगा देने की सूचना थी। मौके से नारकोटिक्स की टीम ने 736 पौधे जप्त किए हैं। साथ ही खेत मालिक और उसके दोहिते को गिरफ्तार किया है। इस संबंध में एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया है और मामले में अनुसंधान जारी है। जानकारी में सामने आया कि केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो उदयपुर के आ सूचना प्रकोष्ठ को मुखबिर से सूचना मिली थी कि सीपीएस पद्धति के खेत में किसान ने चीरे लगा दिए हैं और अफीम निकाली जानी है। इस सूचना पर एक टीम का गठन किया गया। इस टीम ने मंगलवार तड़के पालोद गांव में शंकरलाल (85) पुत्र पेमा डांगी के खेत पर दबिश दी। यहां टीम ने जांच की तो सामने आया कि शंकरलाल को नारकोटिक्स विभाग ने 10 आरी का सीपीएस पद्धति (बिना चीरे) का लाइसेंस दिया था। ऐसे में नियमानुसार यह अफीम के डोडे पर चीरा नहीं लगा सकता था। नारकोटिक्स ने जांच की तो सामने आया कि देर रात करीब 12 बजे यहां अफीम के डोडे पर चीरे लगाए गए थे। मौके से नारकोटिक्स की टीम ने अफीम के 736 पौधे उखाड़ कर जब्त किए, जिनमें चीरे लगे थे। इसमें से अफीम को निकालने की तैयारी थी। इस संबंध ने नारकोटिक्स ने एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया। किसान शंकरलाल डांगी और इसके दोहिते किशन पुत्र बगदीराम डांगी को गिरफ्तार किया। आरोपियों को गिरफ्तार कर चित्तौड़गढ़ नारकोटिक्स कार्यालय लाया गया हैं, जहां इनसे पूछताछ जारी है। मौके पर निवारक प्रकोष्ठ उदयपुर के अधीक्षक रघुनाथ रेगर के नेतृत्व में इंस्पेक्टर रंजेश शुक्ला, सब इंस्पेक्टर हैदर खान, गायत्री देवी व संपत लाल तथा आरक्षक दिनेश व आशीष की टीम ने दबिश दी। डूंगला तहसील के गांवों में अफीम बुवाई की देख-रेख जिला अफीम अधिकारी खंड द्वितीय चित्तौड़गढ़ के तहत आती है। ऐसे में खंड द्वितीय के जिला अफीम अधिकारी अमरसिंह कन्नौजिया को भी मामले की सूचना दी है।