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लंबे समय से जेल में बंद चल रहे थे, अब तक 11 आरोपित नहीं लौटे
अखिल तिवारी
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के अंतरिम जमानत पर जेल से रिहा होने के समाचार राजनीति के कारण चर्चा में है। वहीं चित्तौड़गढ़ जिले में मादक पदार्थ तस्करी, हत्या सहित अन्य मामलों में गिरफ्तार होकर जेल में बंद चल रहे विचाराधीन बंदियों के अंतरिम जमानत (पैरोल) के बाद फरार होने (पुनः जेल में उपस्थित नहीं देने) के मामले बढ़े हैं। सात से आठ माह में ही करीब 11 शातिर बदमाश फरार हुवे हैं। इस संबंध में जेल प्रशासन ने संबंधित पुलिस थानों में प्रकरण भी दर्ज करवाए हैं। लेकिन अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। बड़ी बात यह है कि खतरनाक एवं शातिर बदमाशों को गिरफ्तार करने के लिए दो एएसआई को जिम्मेदारी दी हुई है। इसमें से एक के पास एक प्रकरण तो दूसरे के पास करीब 11 प्रकरण हैं। वहीं अंतरिम जमानत का गलत फायदा उठा कर शातिर बदमाशों का भाग जाना चिंता का विषय है।
जानकारी में सामने आया कि चित्तौड़गढ़ जिला व निकटवर्ती मध्यप्रदेश का मंदसौर और नीमच जिला अफीम बाहुल्य क्षेत्र में आता है। पुलिस की और से लगातार तस्करों के खिलाफ कार्यवाही होती है। चित्तौड़गढ़ जिला जेल में भी ज्यादातर बंदी तस्करी के मामले में ही पकड़े गए हैं। लंबे समय से तस्करी में लिप्त रहने से अधिकांश आरोपित शातिर हैं। जमानत नहीं होने की स्थित में अंतरिम जमानत का रास्ता अपना कर बंदी फरार हो रहे हैं। एक बार अंतरिम जमानत हो जाने के बाद आरोपित तय समय में जेल पर उपस्थित नहीं होकर फरार हुवे। ऐसे में जेल प्रशासन समय-समय पर ऐसे आरोपियों के खिलाफ प्रकरण पुलिस थाने में दर्ज करवा रहा है। वहीं फरार हुवे बंदी पुलिस के लिए मुकदमे का बोझ तो बढ़ा ही रहे हैं साथ ही इन्हें पुनः गिरफ्तार करना टेड़ी खीर साबित हो रहा हैं। वर्ष 2024 में ही अब तक आठ बंदी चित्तौड़गढ़ जेल से अंतरिम जमानत पर रिहा होने के बाद फरार हो गए। ऐसे फरार बंदियों की पुलिस तलाश में जुटी हुई है। अकेले चित्तौड़गढ़ जिला जेल से सात तो निंबाहेड़ा सब जेल से एक शातिर बंदी फरार होने की जानकारी सामने आई है।
एक ही टीम के बस में नहीं तलाशी
जानकारी में सामने आया कि अंतरिम जमानत से फरार हुवे अधिकतर बंदी शातिर होकर लंबे समय से जेल में बंद थे। ऐसे में इन अपराधियों की गिरफ्तारी करना एक ही टीम के बस में नहीं हैं। साथ ही अधिकतर दूरस्थ जिले एवं निकटवर्ती मध्यप्रदेश राज्य के भी रहने वाले हैं।अलग-अलग टीम गठित कर तलाशी हो तभी ये गिरफ्तार हो सकते हैं। लेकिन ऐसा अभी दिखाई नहीं दिया है। कोतवाली चित्तौड़गढ़ में दर्ज सभी मामले एक ही अनुसंधान अधिकारी के पास हैं। वहीं एक आरोपित हत्या के मामले में बंद था, जिसकी जांच निंबाहेड़ा कोतवाली पुलिस के पास है।
गत वर्ष भी दर्ज हुवे थे तीन प्रकरण
जानकारी में सामने आया कि वर्ष 2024 में अंतरित जमानत से फरार होने के आठ मामले हैं। वहीं वर्ष 2023 में भी तीन आरोपित चित्तौड़गढ़ जिला जेल से अंतरिम जमानत पर रिहा होकर फरार हो गए थे। इन आरोपियों की पुनः गिरफ्तारी नहीं होना सामने आया है।
हत्या का आरोपित भी अंतरिम जमानत के बाद फरार
अंतरिम जमानत से रिहा होकर फरार होने वालों में हत्या के मामले में गिरफ्तार शातिर आरोपित शेरू कीर भी शामिल है। निंबाहेड़ा कोतवाली थाने में दर्ज हत्या के प्रकरण में यह निंबाहेड़ा उप कारागृह में बंद चल रहा था। करीब डेढ़ माह पूर्व ही यह अंतरिम जमानत पर फरार हुआ है। यह चित्तौड़गढ़ सदर थाने का एचएस भी है।
2024 में यह हुवे अंतरिम जमानत से फरार
वर्ष 2024 में अंतरिम जमानत मिलने के बाद चेनराम पुत्र जस्साराम जाट निवासी जिला जोधपुर, मुकेश पुत्र आशाराम धाकड़ निवासी धांगलियो का खेड़ा विजयपुर जिला चित्तौड़गढ़, श्यामलाल पुत्र मदनलाल भादू विश्नोई निवासी जिला जोधपुर ग्रामीण, सूरजसिंह पुत्र मदनसिंह सोंधिया राजपूत निवासी सूरजना जिला मंदसौर, एमपी, तेजाराम पुत्र बिरमाराम जाट निवासी बलाऊ, जिला बाड़मेर, प्रकाश उर्फ मिट्ठू पुत्र मांगीलाल जाट निवासी बोरखेडी निंबाहेड़ा, उदयलाल उर्फ कन्हैया उर्फ कान्हा पुत्र नारायणलाल जाट निवासी उदपुरा जिला चित्तौड़गढ़ के अंतरिम जमानत से फरार होने की बात सामने आई है। वहीं ऐसे ही तीन प्रकरण 2023 में दर्ज हुवे हैं।
वर्जन...
पैरोल मिलने के बाद फरार हुए मुलजिमों की गिरफ्तारी को लेकर विशेष टीमों का गठन किया जाएगा। इनकी गिरफ्तारी के प्रयास होंगे। इनके जो साथी अपराधी रहे हैं उनके बारे में भी जानकारी जुटा कर भी इन तक पहुंचाने का प्रयास होगा। इंटेलिजेंस और मुखबिर तंत्र की भी इसमें सहायता ली जाएगी।
सुधीर जोशी, पुलिस अधीक्षक चित्तौड़गढ़