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आक्रोशित किसान पहुंचे काम रुकवाने, कलेक्टर के नाम दिया ज्ञापन
सीधा सवाल। छोटीसादड़ी। प्रतापगढ जिले में रेल लाईन का काम शुरु होने से कई लोगो को सौगात सी लगती है। वही एक तबका ऐसा भी ही, जिनके चेहरों पर रेललाईन से मायूसी छाई हुई है। इनकी बेशकीमती जमीन जो काला सोना उत्पादन में श्रेष्ठ है, उसी जमीन के दाम रेलवे विभाग द्वारा दिये जाने वाला मुआवजा कौड़ियों के दाम के समान है। किसानों का आक्रोश उस वक्त बढ़ जब किसानों ने उचित मुआवजा के लिए रेलवे आयुक्त के समक्ष परिवाद दर्ज कराया हुआ है। इसका अभी कोई निर्णय नही आया और ना ही किसानों को कोई मुआवजा मिला। फिर भी ठेकेदार व रेलवे ने लाईन का काम शुरू कर दिया। इससे किसानों के खेतों में लगी पाईप लाईन को क्षतिग्रस्त कर दी। पेड़ो को उखाड़ दिए। सुरक्षा जाली को नुकसान पहुंचाया। जिसके चलते आक्रोशित किसान एकत्रित होकर मुआवजा नहीं मिलने व आयुक्त द्वारा कोई निर्णय नही दिए जाने के बाद भी काम शुरु कर दिया। इस पर किसान काम रूकवाने पहुंचे। उसके बाद तहसीलदार कार्यालय पहुंचे किसानों ने जिला कलक्टर के नाम तहसीलदार संजय चरपोटा को ज्ञापन देकर अपनी व्यथा सुनाई। इधर, तहसीलदार ने भी किसानों की मांग को आगे पहुंचाने व समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया।
इस दौरान बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।
समस्याओ का समाधान नहीं, तब तक काम नहीं
किसानों ने जिला कलक्टर से अपनी विभिन्न समस्याओं को लिखित में अवगत कराते हुए कहा कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होगा तब तक काम शुरू नहीं करने की मांग की है। किसानों ने बताया कि छोटीसादड़ी और मलावदा में काम बंद करवाया है। बिना मुआवजे के जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। मामलें को लेकर कोर्ट केस चल रहा है और इसका कोई फैसला अभी नहीं आया है। उसके बाद भी ठेकेदारों द्वारा मनमानी की जा रही है। किसानों की जमीन पर बड़े-बड़े वृक्षों को निकाल कर फेंका जा रहा है। जबकि पेड़ रेलवे लाइन बिछाने में कहीं रुकावट नहीं दे रहे हैं। यह मामला नीमच-बडीसादड़ी रेलवे लाईन के अन्तर्गत मलावदा, बरेखन, छोटीसादड़ी, अचलपुरा बरवाडा तक का है।