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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। बेगू के तत्कालीन विधायक राजेंद्र सिंह विधूड़ी का विवादों से पुराना नाता रहा है। विधायक रहते हुवे और बाद में भी विवाद और प्रकरण उनका पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। सत्ता में नहीं रहने के बावजूद एक बार फिर से विधूड़ी चर्चा में आ गए हैं। विधायक रहते हुए वर्ष 2021 में मनोहर कॉटन मील की जमीन के मामले में उनकी काफी किरकिरी हुई थी। वहीं अब इसी मामले में पूर्व विधायक विधूड़ी और उनके खासम खास सरपंच सहित अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ अपहरण व लूट के प्रयास सहित विभिन्न धाराओं के प्रकरण दर्ज हुआ है। रिटायर्ड एएसपी ने मनोहर कॉटन मील के मामले में ही अब प्रकरण दर्ज करवाया है। गंगरार थाना पुलिस ने विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
गंगरार सीआई मोतीराम सारण ने बताया कि गंगरार थाने में प्रार्थी पूरण सिंह पुत्र मदन सिंह भाटी ने 21 अगस्त 2021 के दिन हुई घटना को लेकर प्रकरण दर्ज करवाया है। इसमें बताया कि प्रार्थी घटना के दिन अपने सहयोगी राजेश व अन्य के साथ मनोहर कॉटन मील की जमीन पर कार्य करवा रहे थे। इसी दौरान रतन जाट, राजेंद्र सिंह बिधूड़ी, पप्पू गुर्जर सहित अन्य लोग आए। इन्होंने प्रार्थी व अन्य के साथ धक्का मुक्की करते हुवे गाली गलौज की। राजेंद्र सिंह बिधूड़ी और इसके साथियों ने प्रार्थी का मोबाइल छीनने का प्रयास किया। प्रार्थी के अपहरण का भी प्रयास किया। बाद में पुलिस थाने में ले गए। यहां भी प्रार्थी के साथ गाली गलौज की। बिधूड़ी थानाधिकारी की सीट पर जाकर बैठ गया। हम बैंच पर बैठे थे तो बिधूड़ी आया और नीचे बिठाया दिया। यहां भी गाली गलौज की गई। बाद में बिधूड़ी हमें बंद करने की कह कर वहां से चला गया। प्रार्थी की रिपोर्ट पर पुलिस ने षडयंत्र रचने, अपहरण एवं लूट के प्रयास सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज करवाया है। पुलिस ने प्रार्थी की रिपोर्ट पर देवदा निवासी पप्पू पुत्र चतरु गुर्जर, तत्कालीन विधायक आदर्श नगर रावतभाटा निवासी राजेंद्र सिंह बिधूड़ी पुत्र हरबंश सिंह तथा लाडपुरा उर्फ लोडीपुरा निवासी रतन पुत्र परथु जाट को नामजद किया है। गौरतलब है कि मनोहर कॉटन मील की जमीन के मामले में घटना के दिन बेगूं के तत्कालीन विधायक राजेंद्र सिंह बिधूड़ी ने जम कर सत्ता का दुरुपयोग किया था। इस जमीन की देख रेख कर रहे रिटायर्ड एएसपी को थाने में बंद करवा दिया था। इस मामले में बिधूड़ी के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया था। राज्य स्तर पर तत्कालीन गहलोत सरकार की किरकिरी हुई थी।