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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। विशिष्ट न्यायाधीश अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम के न्यायाधीश उदयसिंह अलोरिया ने ढाई वर्ष पूर्व बालक के अपहरण व हत्या के मामले में अभियुक्त को दोषी मानते हुए विभिन्न धाराओं में आजीवन कारावास व 80 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
विशिष्ट लोक अभियोजक ने बताया कि 1 फरवरी 2022 को प्रियंका पत्नी राकेश मीणा निवासी चामटी खेड़ा थाना कोतवाली चित्तौड़गढ़ में रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया कि प्रार्थिया अपने 9 वर्षीय पुत्र आलोक उर्फ डुग्गू गायब है। इस संबंध में पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज कर जांच की जा रही थी। रिपोर्ट देने के 2 दिन बाद इसी क्षेत्र में ही स्थित एक कुएं में बालक का शव तैरता हुआ मिला था। इसी दौरान कोतवाली थाना पुलिस ने अनुसंधान करते हुए मृतक बालक के पड़ोसी जुल्फिकार उर्फ सलमान पुत्र मम्मु खा निवासी मंदसौर हाल चामटी खेड़ा को डिटेन किया। इससे गहनता से पूछताछ की, जिसमें उसने बालक की हत्या करना स्वीकार कर लिया। पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अनुसंधान पूर्ण कर आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। तभी से आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में चल रहा है। प्रकरण की संपूर्ण सुनवाई के दौरान न्यायाधीश उदय सिंह अलोरिया ने अभियुक्त जुल्फिकार उर्फ सलमान मेव को बालक के अपहरण व हत्या का दोषी माना। इसे विभिन्न धाराओं में आजीवन कठोर कारावास व 80 हजार रुपए के जुर्माने की सजा से दंडित किया। प्रकरण की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर 21 गवाह और 43 दस्तावेज पेश किए।