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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। जिले के शंभूपुरा थाना क्षेत्र में अरनिया पंथ रेलवे फाटक के यहां ट्रेन की टक्कर से स्कूली छात्र की मौत हो गई। हादसे के दौरान रेलवे फाटक बंद था। छात्र कान में ईयर फोन लगा कर फाटक पार कर रहा था। इसकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलने पर रेलवे थाना पुलिस चित्तौड़गढ़, शंभूपुरा थाना पुलिस और आरपीएफ की टीम मौके पर पहुंची। रेलवे थाना पुलिस चित्तौड़गढ़ के क्षेत्राधिकार में होने के कारण अग्रिम कार्यवाही पूरी करवाई।
जानकारी में सामने आया कि चित्तौड़गढ़-नीमच रेललाइन पर यह हादसा जिला मुख्यालय करीब 10 किलोमीटर दूर अरनिया पंथ रेलवे फाटक पर हुआ। शंभूपुरा थाना क्षेत्र के आने वाले ठिकरिया निवासी तेजपाल (17) पुत्र शंभूलाल डांगी चित्तौड़गढ़ में स्थित एक निजी स्कूल का छात्र है। बुधवार दोपहर में यह अपने गांव की और लौट रहा था। अरनिया पंथ गांव में यह रेलवे फाटक से गुजर रहा था। ट्रेन गुजरने का समय होने के कारण रेलवे फाटक को बंद किया हुआ था। यह रेलवे फाटक के बेरियर बूम के नीचे से होकर रेलवे पटरी पार करने लगा। इसी दौरान चित्तौड़गढ़ से नीमच जा रही चित्तौड़गढ़-रतलाम डेमू ट्रेन (09500) आ गई। इस ट्रेन की चपेट में आने से इसकी मौके पर ही मौत हो गई। मौके पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। किशोर की पहचान हुई तो परिजनों को सूचना दी गई। परिजन भी तत्काल मौके पर पहुंच गए। बताया गया कि किशोर ने कान में ईयर फोन लगा रखा था। इसके कारण इसे ट्रेन की आवाज सुनाई नहीं दी। इसे एंबुलेंस से जिला चिकित्सालय ले जाया गया। हादसे की जानकारी मिलने पर आरपीएफ के सीआई नाथूराम जाट, रेलवे थानाधिकारी भगवान सिंह जिला चिकित्सालय पहुंचे। यहां पुलिस ने परिजनों से घटना की जानकारी ली। पुलिस ने मर्ग दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया। बताया गया कि घटनास्थल से परिजन छात्र का मोबाइल व बैग साथ ले गए थे। रेलवे थानाधिकारी भगवान सिंह ने बताया कि परिजनों की रिपोर्ट पर मर्ग दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया। छात्र ने कान में ईयरफोन लगाए थे। स्पष्ट नहीं हो पाया कि छात्र किसी से बात कर रहा था या गाने सुन रहा था।
गेटमैन ने लगाई आवाज, लोग भी चिल्लाए लेकिन नहीं सुना
जानकारी में सामने आया कि छात्र तेजपाल ने बंद फाटक से निकल पटरी पार करने का प्रयास किया। यह बेरियर बूम से आगे पटरी की तरफ बढ़ा। इसे देख कर मौके पर तैनात गेटमैन चिल्लाया लेकिन इसने नहीं सुनी। फाटक बंद होने के दौरान कुछ लोग भी थे, जिन्होंने भी आवाज लगाई। लेकिन कान में ईयर फोन लगे होने से छात्र ने किसी की नहीं सुनी।