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सीधा सवाल। चित्तौडग़ढ़। विशिष्ट न्यायालय लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 संख्या -2 के न्यायाधीश अमित सहलोत ने ढाई वर्ष पुराने नाबालिग के अपरण व दुष्कर्म के आरोपी को दोषी मानते एवं 20 वर्ष के कठोर कारावास व 35 हजार रुपये के जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। विशेष लोक अभियोजक अफजल मोहम्मद शेख ने बताया कि मंगलवाड़ थाने में एक महिला ने इस आशय कि शिकायत दर्ज कराई कि 16 फरवरी 2022 को वह अपनी 16 वर्षीय पुत्री के साथ बिन्दोली व शादी में गई थी जहां से उसकी पुत्री नींद आने की बात कहकर घर के लिए निकली। सुबह जब वह अपने घर गई तो उसकी पुत्री वहां नहीं मिली। आस पास पता करने पर मालूम हुआ कि भीमराज पिता रामलाल भील निवासी रामाखेड़ा थाना भूपालसागर भी घर से गायब है और उसका मोबाइल भी बंद आ रहा है। इस पर पुलिस ने अपहरण सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया। जिसका अनुसंधान करते हुए पुलिस ने आरोपी भीमराज को गिरफ्तार कर उसके विरूद्ध अपहरण, दुष्कर्म व पोक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं में आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। प्रकरण की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 11 गवाह और 29 दस्तावेज पेश किये गये। न्यायालय द्वारा दोनो पक्षों की बहस सुनकर भीमराज को दोषी मानते हुए धारा 341 के तहत एक माह का कारावास, धारा 342 के तहत एक वर्ष कारावास, धारा 363 के तहत सात वर्ष का कठोर कारावास व 5 हजार रुपये जुर्माना, धारा 366 के तहत सात वर्ष का कठोर कारावास व 5 हजार जुर्माना एवं पोक्सो एक्ट की धारा 5 (एल) / 6 के तहत 20 वर्ष का कठोर कारवास व २0 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई। इसके साथ ही न्यायालय ने दोषी से प्राप्त 35 हजार रुपये जुर्माना पीडि़ता को दिलाये जाने तथा राजस्थान पीडि़त प्रतिकर योजना के तहत पीडि़ता को 4 लाख रुपये दिलाने की भी अनुशंषा की है।