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नगर परिषद की और से हुआ था निर्माण - पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने किया था उद्घाटन - कांग्रेस सरकार में बजट घोषणा के तहत हुआ था निर्माण
अखिल तिवारी
सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। प्रदेश में पूर्ववर्ती अशोक गहलोत की सरकार में बजट घोषणा के तहत चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर बनाई गई गांधी वाटिका दो साल में ही मरम्मत मांगने लग गई है। घटिया निर्माण का आलम इतना है कि जगह-जगह पत्थर उखड़ने लगे हैं। यहां तक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का चश्मा भी गायब है। गांधी वाटिका के निर्माण में लाखों रुपए का बजट व्यय हुआ था। नगर परिषद चित्तौड़गढ़ के ज़िम्मेदार अधिकारी ना तो रख रखाव पर ध्यान दे पा रहे हैं और ना ही घटिया निर्माण पर किसी का ध्यान गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि गांधी वाटिका चित्तौड़गढ़ जिला कलक्टर कार्यालय से चंद कदमों की दूरी पर ही है। वहीं नगर परिषद कार्यालय भी मात्र 200 से 300 कदम की दूरी पर है। इसके बावजूद ना तो नगर परिषद ने और ना ही जिला प्रशासन ने इस पर ध्यान दिया है।
जानकारी में सामने आया कि पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने मुख्यमंत्री बजट घोषणा 2021-22 में पूरे प्रदेश में गांधी वाटिका निर्माण की घोषणा की थी। इसके तहत प्रदेश में कई स्थानों पर गांधी वाटिका का निर्माण किया था। ऐसे में चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर भी पुराने जिला चिकित्सालय परिसर के उद्यान में गांधी वाटिका निर्माण का निर्णय किया था। पुराने चिकित्सालय परिसर में ही नगर परिषद की और से गांधी वाटिका निर्माण हुआ। बाद में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 22 नवंबर 2022 को उद्घाटन किया था। इसे करीब दो साल ही हुवे हैं और यहां हुवे घटिया निर्माण की परते भी खुलने लगी है। गांधी वाटिका में पाथ वे पर लगे पत्थर जगह-जगह से उखड़ने लगे हैं। इधर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा से चश्मा भी गायब है। समाजकंटकों ने गांधीजी की प्रतिमा से छेड़छाड़ की, इससे इंकार नहीं किया जा सकता। करीब दो साल में ही घटिया निर्माण से यह पार्क बिखरने लगा है।
धंसने लगा फर्श, बरत रहे लापरवाही
गांधी वाटिका में प्रतिमा के पास भी घटिया निर्माण की बानगी देखने को मिल रही है। प्रतिमा के सामने एक और का फर्श भी धंसने लगा है। यह स्थिति काफी समय से हो रही है लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने इसे संज्ञान में नहीं लिया है। ऐसे में नगर परिषद के जिम्मेदार अधिकारी लापरवाही बरतते दिख रहे हैं। यहां हुवे घटिया निर्माण को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं किया। दो साल में ही जगह-जगह से गांधी वाटिका मरम्मत मांगने लगी है।
फव्वारे तक गायब, चोरी की आशंका
यहां गांधी वाटिका परिसर में ही फव्वारे तक गायब है। काफी समय से लोगों ने यहां फव्वारे नहीं देखे। ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि यहां से फव्वारे चोरी हो गए हो। इसके बारे में भी जिम्मेदार अधिकारियों ने पुलिस थाने में रिपोर्ट नहीं दी है। सूत्रों की माने तो वाटिका के रख रखाव को लेकर ठेका भी दिया हुआ है और गार्ड भी तैनात है।
नहीं हुई सफाई, दीवार के पास गंदगी का ढेर
इस गांधी वाटिका में नियमित रूप से आने वाले लोगों ने बताया कि दीपावली के बाद से यहां पर सफाई नहीं हुई है। इससे वाटिका में चारों तरफ कचरा और प्लास्टिक की बोतल बिखरी दिख रही है। इसके अलावा पूर्व में कभी सफाई हुई थी, उसमें एकत्रित कचरे का ढेर भी दीवार के पास ही किया हुआ है, जो गांधी वाटिका में ही है। लंबे समय से यहां गांधी वाटिका का रख रखाव नहीं हुआ है।
20 हजार वर्ग फीट में निर्माण, मवेशियों का डेरा
यहां चिकित्सालय परिसर में गांधी वाटिका का निर्माण करीब 20 हजार वर्ग फीट में किया हुआ है। यहां कई प्रकार के पौधे लगाए हैं और घास भी उगी हुई है। इसके कारण मवेशियों को भी गांधी वाटिका में भटकते हुवे देखा जा सकता है। इन्हें अंदर घुसने से रोकने वाला कोई नहीं है। ना ही यहां तैनात गार्ड इस और ध्यान दे पा रहा है।