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सीधा सवाल। चित्तौड़गढ़। विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट एनआई एक्ट, चित्तौड़गढ़, रीतिका श्रोती की अदालत ने चेक अनादरण के दो मामलों में अभियुक्त कालूराम मीना को दोषी ठहराते हुए 3 लाख 90 हजार रुपये अर्थदंड और कारावास की सजा सुनाई। अभियुक्त को एक वर्ष का साधारण कारावास और अदम अदायगी के मामले में दो-दो माह का साधारण कारावास भी दिया गया।
घटना के अनुसार, घोसुण्डा निवासी श्यामलाल उर्फ ओमप्रकाश सोनी और छोटीसादड़ी निवासी पंकज सोनी ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई थी कि अभियुक्त कालूराम मीना ने उन्हें एक लाख रुपये की उधारी के बदले चेक दिए थे, जो कि बैंक में प्रस्तुत करने पर अपर्याप्त राशि के कारण अनादृत हो गए थे।
अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद प्रस्तुत दस्तावेजों और गवाहों के आधार पर अभियुक्त को दोषी करार दिया। कुल मिलाकर, अभियुक्त पर 7 लाख 80 हजार रुपये का दंड और एक वर्ष की सजा के साथ-साथ अदम अदायगी की स्थिति में दो महीने का अतिरिक्त कारावास लगाया गया।