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सीधा सवाल। निम्बाहेड़ा। खनन क्षेत्र में सुरक्षा को प्राथमिकता देने और बारूद के सुरक्षित उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उदयपुर में एक विशेष तकनीकी कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम माइंस सेफ्टी एसोसिएशन, उदयपुर क्षेत्र द्वारा खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस), उदयपुर क्षेत्र के तत्वावधान में आयोजित किया गया। कार्यशाला में उदयपुर क्षेत्र की सभी संगठित ओपन कास्ट और भूमिगत खदानों के कुल 65 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर डीजीएमएस के डिप्टी डायरेक्टर जनरल (उ.प.अं.) आर.टी. मांडेकर और निदेशक, खान सुरक्षा, उदयपुर क्षेत्र बी. दयासागर ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया और बारूद के सुरक्षित प्रबंधन पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
कार्यशाला के दौरान निरंजन कुमार, विशाल गोयल (उपनिदेशक, खान सुरक्षा), और टॉम मैथ्यूज़ (निदेशक, खान सुरक्षा) ने अपनी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। सीआईएमएफआर (CIMFR) के मुख्य वैज्ञानिक एम. पी. राय और बारूद बनाने वाली प्रमुख कंपनियों जैसे IEL (ORICA) और IDL एक्सप्लोसिव लिमिटेड के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया और खनन प्रक्रियाओं के दौरान बारूद के सुरक्षित उपयोग के व्यावहारिक पहलुओं पर चर्चा की। कार्यशाला में उपस्थित सभी विशेषज्ञों और प्रतिभागियों ने बारूद के उपयोग के दौरान सुरक्षा प्रक्रियाओं में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इन सुझावों का उद्देश्य खदानों में विस्फोटकों के प्रबंधन को सुरक्षित और प्रभावी बनाना है, जिससे दुर्घटनाओं को रोका जा सके और खनन प्रक्रियाओं को सुगम बनाया जा सके। कार्यक्रम का आयोजन माइन सेफ्टी एसोसिएशन, उदयपुर क्षेत्र की तरफ से एम/एस यूसीडब्ल्यूएल द्वारा किया गया। के. पी. सिंह (संयोजक) और सी. एस. दाधीच (सचिव) ने आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।