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सीधा सवाल। रावतभाटा। कोटा मुख्य मार्ग पर स्थित सरकारी भूमि पर 2 साल पहले प्रशासन ने सवा करोड़ रुपए खर्च कर अतिक्रमण हटाया था। लेकिन अब दोबारा वहां अवैध निर्माण और संचालन की शिकायत मिलने पर प्रशासन और वन विभाग ने मिलकर कार्रवाई की।
वन विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी जसवीर सिंह भाटी के नेतृत्व में टीम ने वार्ड नंबर 1 और 2 की जमीन पर सर्वे कर करीब 2 लाख स्क्वायर फीट भूमि की नपती की। इसमें अवैध रूप से बने शोरूम और शराब की दुकानों का निरीक्षण किया गया। चामला पुलिया पर भी अवैध निर्माण को जेसीबी की मदद से ध्वस्त किया गया।
यह जमीन राणा प्रताप सागर बांध और वन्य जीव अभ्यारण्य क्षेत्र की है। 2001 में बांध प्रबंधन ने इसे नगर पालिका रावतभाटा को हस्तांतरित किया था। लेकिन 1986 के फर्जी पट्टों के आधार पर कई लोगों ने इस पर कब्जा कर लिया। मामला लंबे समय तक न्यायालय में चला, जहां उच्च न्यायालय जोधपुर ने 2023 और एसीजेएम कोर्ट रावतभाटा ने 2024 में अतिक्रमियों के दावे खारिज कर दिए। जसवीर सिंह भाटी ने बताया कि शिकायत के बाद सर्वे किया गया है। अब उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपी जाएगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सरकारी और वन्य जीव अभ्यारण्य भूमि पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रशासन की इस कार्रवाई से अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मच गया है। दो साल पहले की गई कार्रवाई में सवा करोड़ रुपए खर्च कर जमीन खाली कराई गई थी, लेकिन अतिक्रमियों ने दोबारा कब्जा कर लिया। अब प्रशासन और वन विभाग ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए किसी भी अवैध निर्माण को हटाने की चेतावनी दी है।