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सीधा सवाल। कपासन।।अंबेश भवन में विराजित प्राज्ञ संघ के संघ नायक संत प्रियदर्शन मुनि जी ने कहा कि मनुष्य का जीवन बड़ा ही अनमोल होता है।जब तक सांस चलती रहती है, तब तक मनुष्य की आस लगी रहती है।मनुष्य अपने जीवन के हर पल को बेहतर बनाने का प्रयास करता रहता है।मुनि ने कहा कि जीवन काल में धर्म से जुड़ कर सदकर्मो को करने वाले को ही सदगति की प्राप्ति होती है।मनुष्य को अपना जीवन धर्म व नेकी के कार्य में लगाना चाहिए।क्रोध लोभ व माया को अपने जीवन में स्थान कभी नहीं देना चाहिए।सांसारिक सुखों के पीछे समय गंवाने वाला परम सुखों से वंचित रहता हैं।और अच्छा जीवन भी नहीं जी पाता है।मन की इच्छाएँ असीमित होती है।इस पर काबू पाना सभी को सीखना चाहिए।इच्छाओं को सीमित करना संतुष्ट होने वाला ही सुखी जीवन शैली में अपने जीवन को उच्चतम शिखर पर ले जाना हो तो दीर्घ श्वास लेने का अभ्यास करना चाहिए।योग शास्त्र और प्राणायाम में यह विशेष कर्म बताया गया है।सौम्य दर्शन मुनि ने बताया कि इन्दियो को वंक्ष मे करके सच्चे जैनी बनने मार्ग बताया है।श्रमण संघ अध्यक्ष सूर्य प्रकाश सिरोया ने बताया की धर्म सभा मे विजय नगर व अनेक क्षेत्रो के श्रावक श्राविका उपस्थित रहे।धर्म सभा मे शंकर लाल लोढा,अशोक चण्डालिया,मनोहर तातेड,लादु लाल चण्डालिया,सुगन बाघमार,ओम चण्डालिया,रूप लाल डांगी,प्रकाश आंचलिया,प्रदीप चण्डालिया,सतीश चण्डालिया आदि पदाधिकारी उपस्थित रहे।रविवार का प्रवचन अंबेश भवन मे होगा।उसके बाद स्टेशन होते हुए हथियाना की ओर विहार होगा।