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सीधा सवाल। कपासन। अंबेश भवन में विराजित श्रमण संघीय महासाध्वी दिव्य प्रभा ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी भूल हैं की जड़ पदार्थों को कीमती समझ रहे हैं।जबकि संसार के सभी अध्यात्मवादी. पुरुषों ने आत्मा को सबसे कीमती माना हैं।आत्मा हमारी सबसे अनमोल कीमती है।साध्वी ने कहा कि आज कल धन दौलत जुटाने में जुटे हैं और आत्मा को भूल गए हैं।जब समय का फेर पड़ता है तो सही को गलत और साधन को साध्य बना देते हैं।साध्वी ने कहा की कटोरी में रखी लापसी खाने योग्य और स्वास्थ्य वर्धक है परंतु सोने की कटोरी में भी हो तो खाने योग्य नहीं हो सकती वह मात्र साधन ही है।साध्वी निरूपमा ने पार्श्व नाथ मंत्र का जाप करवाया साध्वी आर्या ने भजन गाया।इस अवसर पर संघ अध्यक्ष सूर्य प्रकाश सिरोया,रूप लाल डांगी, प्रकाश आंचलिया, मदन लाल दुगड,साधुमार्गी शांत क्रांति संघ के अध्यक्ष सुगन बाघमार,धर्मेश तातेड, महिला मंडल की महामंत्री सुनीता सांवला आदि उपस्थित रहे।धर्म सभा का संचालन सूर्य प्रकाश सिरोंया ने किया।